घर-घर जन्में कान्हा, भजन कीर्तन के साथ मंगल गान
-आकर्षण का केंद्र रहीं झांकियां पुलिस लाइन व थानों में विशेष आयोजन - मंदिरों में श्रद्धालुओं ने की पूजा जय कन्हैया लाल की चहुंओर गूंज
अंबेडकरनगर : गांव से लेकर शहर तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मंगलवार की देर रात श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाई गई। इस बार मंगलवार और बुधवार दो दिन इस त्योहार को मनाया जा रहा है। पौराणिक कथानुसार श्रीकृष्ण का जन्म भद्रपक्ष मास के रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। धार्मिक स्थल शिवबाबा के महंत ओमप्रकाश गोस्वामी कहते हैं कि इस बार 11 अगस्त को भरणी व 12 को कृतिका नक्षत्र के बाद रोहणी नक्षत्र आता है। नक्षत्रों को मानने वाले लोग बुधवार को यह त्योहार मना रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों ने इस त्योहार को अपने घर व मंदिरों में सादगी के साथ मनाया। पूरी रात भजन कीर्तन का सिलसिला चलता रहा। हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की, नंद के घर आनंद भयो, हरे कृष्ण गोविद हरे मुरारी आदि गीतों से भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति की गई। इस दौरान कान्हा के विभिन्न लीलाओं का मंचन व गुणगान किया गया। बाहर निकलने के बजाए लोगों ने अपने घरों में इसका आयोजन किया।
शंखनाद के बाद अवतरित हुए श्रीकृष्ण : इस वर्ष भी पुलिस लाइन के साथ लगभग सभी थानों में कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन किया गया। पुलिस लाइन मंदिर में एसपी आलोक प्रियदर्शी व अपर पुलिस अधीक्षक अवनीश कुमार मिश्र ने विधिविधान से पूजा अर्चना की। नगर के शहजादपुर स्थित राम जानकी मंदिर, हनुमान मंदिर, गायत्री मंदिर समेत जिले के सभी मंदिरों में शाम होते ही भजन व कीर्तन का सिलसिला चला जो रात के दूसरे पहर तक चलता रहा। रात 12 बजे आरती के साथ ही शंखनाद किया गया इसके बाद भगवान का धरती पर अवतरण हुआ। भगवान के जन्म लेते ही जय कन्हैया लाल की गूंज चहुंओर सुनाई पड़ने लगी। इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान भजन कीर्तन के साथ मंगलगीत भी गाए गए।