एआरटीओ कार्यालय में आमजन की सुनवाई नहीं, दलालों की साठगांठ
आरटीओ कार्यालय दलालों का अड्डा बना हुआ है। उनके दखल के बगैर यहां पत्ता नहीं हिलता काम कराना है दलालों की टीम के माध्यम से आना पड़ता है।
अंबेडकरनगर: आरटीओ कार्यालय दलालों का अड्डा बना हुआ है। उनके दखल के बगैर यहां छोटा सा छोटा काम भी हो पाना मुश्किल है। परिसर के बाहर ही दलाल कर साठगांठ कर लेते हैं। अधिकारियों की कुर्सियों खाली रहने से इसका फायदा दलाल उठा रहे हैं। लोगों को कोरोना संक्रमण का हवाला देकर दोगुनी रकम लेकर लाइसेंस बनाया जा रहा है। कैमरे का फ्लैश चमकते ही परिसर में खड़े बिचौलिए भाग खड़े हुए। कार्यालय में आम आदमी की कोई सुनवाई नहीं है। स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद बिना हजार-दो हजार खर्च किए टेस्ट पास नहीं कर सकते। सोमवार को दैनिक जागरण की टीम उपसंभागीय कार्यालय की व्यवस्था परखने पहुंची तो यह हकीकत सामने आई।
समय-सुबह 11:15 बजे।
विभाग के मुख्य गेट के बाहर ही एक दलाल रामनगर से लर्निंग लाइसेंस बनवाने पहुंचे विवेक तिवारी से डील करता मिला। ड्राइविग लाइसेंस बनवाने वाले युवक से कह रहा था कि लाइन लगाने के साथ ही तमाम टेस्ट देने पड़ेंगे। कागज और पैसे मुझे दे दो, आसानी से काम हो जाएगा। परिसर के अंदर बायीं तरफ सैनिटाइजर रखा था। इसी के करीब रखी बेंच पर कई लोग बैठे मिले, जो ड्राइविग लाइसेंस के अलावा अन्य कार्य के लिए आए हुए थे। यहां बैठे लोग दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी का पालन नहीं कर रहे थे।
समय-सुबह 11:20 बजे।
आरआई विपिन कुमार का कमरा बंद मिला। एआरटीओ के कमरे में पहुंचने पर उनकी कुर्सी खाली मिली। उपभोक्ताओं के लिए बने चार काउंटरों में महज दो ही खुले मिले। यहां कतार में लगे लोग कोविड-19 गाइडलाइन का मखौल उड़ा आपस में सटे कतार में लगे मिले। काउंटर नंबर तीन के चैंबर में डाटा इंट्री ऑपरेटर प्रवीन के पास एक दलाल बैठा था। उससे उसका नाम और पद पूछते ही कैमरा देख वह वहां से रफूचक्कर हो गया। कनिष्ठ सहायक नवदीप कुमार सिंह अपने कक्ष में नहीं मिले। उनके काउंटर की खिड़की बंद मिली। वरिष्ठ सहायक साधना सिंह अपने काउंटर पर अपना कार्य निपटाने में जुटी थीं।
समय - सुबह 11:30
बायोमीट्रिक कक्ष के अंदर अजीत गुप्ता और सुभाष बाहर कतार में खड़े युवकों का बायोमीट्रिक पहचान ले रहे थे। कक्ष के बाहर खड़े लोग अपनी बारी के इंतजार में थे। हालांकि इन लोगों ने मास्क लगा रखा था। लेकिन शारीरिक दूरी का कोई भी पालन नहीं कर रहा था। कमरे से बाहर निकले सद्दरपुर के इतूरी दाउदपुर निवासी सार आलम ने बताया कि आनलाइन करने के बावजूद एक हजार रुपये लिया गया है। यह सुविधा शुल्क ड्राइविग लाइसेंस बनवाने वाले से लिया जा रहा है।