अंतिम समय में पूरी हुई दस करोड़ की आस
अंबेडकरनगर : गांधी जयंती के मौके पर आगामी दो अक्टूबर को जनपद के सभी गांवों को खुले में
अंबेडकरनगर : गांधी जयंती के मौके पर आगामी दो अक्टूबर को जनपद के सभी गांवों को खुले में शौचमुक्त घोषित करने के लिए विकास विभाग में सरगर्मी तेज हो चुकी है। धरातल पर शौचालय निर्माण की जरूरत के बजाए फिलहाल पंचायतीराज विभाग बेसलाइन सर्वे के आधार पर ही गांवों को शौचालयों से संतृप्त करने के लिए एड़ी चोटी की ताकत लगाए है। शौचालयों के निर्माण के लिए बेसलाइन सर्वे के आंकड़ों को ही पूरा करने के लिए विभाग को करीब दस करोड़ रुपये की दरकार है। फिलहाल विभाग के पास 22 लाख रुपये मौजूद थे। हालांकि अंतिम समय में बजट की आस पूरी हो गई है।
पंचायतीराज विभाग के बेसलाइन सर्वे के मुताबिक जिले में कुल दो लाख 80 हजार 38 परिवार ही शौचालय विहीन बताए जाते हैं। इसके सापेक्ष एक लाख 13 हजार 55 परिवारों को शौचालय की सुविधा से संतृप्त किया जा चुका है। जबकि एक लाख 66 हजार 983 परिवार शौचालय विहीन रहे। विगत अभियान के दौरान एक लाख 60 हजार 44 परिवारों को संतृप्त किए जाने के बाद भी अभी 6939 परिवारों को आगामी दो अक्टूबर तक शौचालय की सुविधा से लैस किया जाना चुनौती बना है। गौरतलब है कि जनपद की 927 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 1648 राजस्व ग्राम हैं। इसमें अभी तक 693 राजस्व ग्रामों को संतृप्त कर ओडीएफ घोषित कर लिया गया है। वहीं 820 राजस्व ग्राम संतृप्त होने की कगार पर पहुंचे हैं। खास बात है कि विकासखंड रामनगर के सभी 190 राजस्व ग्राम तथा जलालपुर विकासखंड के सभी 168 राजस्व ग्रामों को संतृप्त करने के साथ ही ओडीएफ घोषित कर लिया गया है। जबकि विकासखंड अकबरपुर में 240, बसखारी में 212, भीटी में 255, भियांव में 125, जहांगीरगंज में 179, कटेहरी में 213 तथा टांडा में 138 शौचालय निर्माण का लक्ष्य दिया गया है। मुख्य विकास अधिकारी उमेश नारायण पांडेय इसकी कमान खुद संभालते हुए इसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना 1708 शौचालयों का निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है। सीडीओ ने दावा किया कि तय अवधि से पहले ही लक्ष्य पूरा कर जिले को ओडीएफ घोषित कर लिया जाएगा। जिला पंचायराज अधिकारी राम आशीष चौधरी ने बताया कि शासन से दस करोड़ रुपये का बजट मिल चुका है। तय समय से पहले गांवों को ओडीएफ घोषित कर लिया जाएगा।