मधुमक्खी पालन का व्यवसाय किसानों के लिए लाभप्रद
अंबेडकरनगर : कृषि विज्ञान केंद्र पांती द्वारा चार दिवसीय एक व्यवसायिक मधुमक्खी पालन व प्रबंधन प्र
अंबेडकरनगर : कृषि विज्ञान केंद्र पांती द्वारा चार दिवसीय एक व्यवसायिक मधुमक्खी पालन व प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में किया गया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रामजीत ने मधुमक्खी पालन व्यवसाय की आवश्यकता व संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रशिक्षार्थियों से कहा कि ग्रामीणांचल में भूमिहीन सीमांत, लघु व बड़े कृषकों सहित बेरोजगारों के लिए लाभदायक कृषि उद्यम है। अधिष्ठाता महामाया कृषि अभियंत्रण एवं प्रौद्योगिक महाविद्यालय अकबरपुर डॉ. कौशल कुमार मौर्य ने मौन पालन ज्ञानार्जन के अन्तर्गत मौनगृह निर्माण, मधु निष्कासन यंत्र सहित सभी प्रयुक्त छोटे-छोटे उपकरण जैसे मुंह रक्षक जाली, प्लास्टिक कमीज व पैंट, दस्ताना, लंबे बूट, मोमी छत्तादार चाकू आदि इकाइयों के निर्माण व बिक्री से अनेक कुटीर उद्योग स्थापना करके स्वरोजगार को ग्रामीण बेरोजगार अपना सकते हैं। वैज्ञानिक पशु पालन डॉ. विद्यासागर ने मौन पालन के सामान्य प्रबंधन के अन्तर्गत मौनवंश का नियमित निरीक्षण, सदस्य की पहचान, रानी कोष देना, रानी देना, शिशु फम देना, कृत्रिम भोजन देना, नये छत्ते बनवाना या स्टार्टर देना, मौन वंश आदि प्रक्रियाओं का ज्ञानार्जन कराया। इस प्रशिक्षण में प्रगतिशील मौन पालक दयाशंकर गौड़, राजेंद्र प्रसाद शर्मा के तकनीकी ज्ञान से प्रशिक्षार्थियों को लाभान्वित कराया गया। कार्यक्रम में मौखिक व व्यवहारिक ज्ञानार्जन कराया गया। इस मौके पर प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र वितरित किया गया।