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कृषक उत्पादक संगठन दिखाएगा दोगुना आय का रास्ता

प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत किसानों की आय दोगुना करने के लिए जिले के 927 गांवों में प्रयोग किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 11:01 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 11:01 PM (IST)
कृषक उत्पादक संगठन दिखाएगा दोगुना आय का रास्ता
कृषक उत्पादक संगठन दिखाएगा दोगुना आय का रास्ता

अंबेडकरनगर: प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत किसानों की आय दोगुना करने के लिए जिले के 927 गांवों में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) का गठन किया जाएगा। यह संगठन कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होकर कृषि उत्पादक कार्य को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। आगामी मार्च तक प्रदेश में 927 कृषक उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य रखा गया है। संगठन में 300 किसान सदस्य होंगे। प्रत्येक विकास खंड में कम से कम एक एफपीओ को मॉडल के रूप में विकसित करने की योजना है।

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-सरकार उपलब्ध कराएगी बाजार: सरकार इन संगठनों को सभी आवश्यक सुविधाएं व बाजार उपलब्ध कराएगी। इसके माध्यम से कृषकों के उपज की ब्रांडिग तथा किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 90 प्रतिशत किसान लघु एवं सीमांत जोत वाले हैं। ऐसे में किसानों को संगठित कर उन्हें सुविधाएं मुहैया कराकर उनकी आय दोगुना करने की योजना सरकार ने बनाई है।

हर गांव में होगा संगठन : इस वित्त वर्ष में सभी ग्राम पंचायतों में एक-एक एफपीओ गठित करने का लक्ष्य है। संगठन को पशुपालन, डेयरी और पोल्ट्री फॉर्मिंग से जोड़ने की योजना है। इससे किसानों को उनकी उपज का उच्चतर मूल्य प्राप्त होगा। कृषि, सहकारिता व किसान कल्याण विभाग द्वारा राज्यों में कार्यान्वित विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत एफपीओ को प्रोत्साहित किया जाता है।

सामान्य किसान पाएंगे अवसर : संगठन में खेतिहर किसान भी शामिल होंगे। एक गांव या फिर कई गांवों के किसान मिलकर यह समूह बना सकते हैं। कंपनी अधिनियम के तहत किसान उत्पादक कंपनी के तौर पर पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे किसानों को अपनी उपज का उचित दाम तथा खरीदार को भी उचित कीमत पर वस्तु मिल सकेगी। मुनाफा बिचौलियों के बजाय सीधे किसान को मिलेगा। एफपीओ सिस्टम में किसान को भाव अच्छे मिलेंगे तथा उत्पाद की बर्बादी कम होगी।

एफपीओ के गठन से ग्रीन हाउस, कृषि मशीनीकरण, शीत भंडारण, कृषि प्रसंस्करण जैसे कटाई से पहले और कटाई के पश्चात संसाधनों के उपयोग में सुविधा होगी। एफपीओ खाद्यान्न भंडारों, कस्टम केन्द्रों इत्यादि को शुरू कर अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को विस्तारित कर सकते हैं। इसके सदस्य किसान सेवाओं को रियायती दरों पर प्राप्त कर सकते हैं।

शासन ने एफपीओ गठित करने की नीति बनाई है। इस संबंध में मौखिक सूचना है। डिटेल प्राप्त होने का इंतजार किया जा रहा है। शासनादेश प्राप्त होते ही इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

डॉ. राजमंगल चौधरी

जिला कृषि अधिकारी


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