गोरखपुर एक्सप्रेस-वे में गई किसानों की जमीन का मिले मुआवजा : भाकियू
करते हुए जिला उपाध्यक्ष बृजेश यादव ने कहा कि गोरखपुर एक्सप्रेस वे में किसानों की जमीन का बैनामा शासन ने पांच माह पूर्व करवा लिया था। लेकिन अभी तक किसानों का भुगतान नहीं किया गया। इसका ब्याज सहित भुगतान किया जाए। किसानों के गेहूं की फसल काटने के बाद सड़क बनवाई जाए। नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया था कि गेहूं की बोवाई कर लें और गेहूं की फसल काटने के बाद ही सड़क बनाई जाएगी। इस मौके पर लालमणि छोटेलाल अरविद आशाराम कनौजिया उर्मिला निर्मला रेखा शोभाराम आदि मौजूद रहे। विद्युतनगर टांडा तहसील के धौरहरा गांव में नेशनल हाईवे के बगल आवासीय दर से प्रतिकर दिए जाने की मांग को लेकर धरना दे रही भारतीय किसान यूनियन (राजनैतिक) का प्रदर्शन गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान किसानो ने एक स्वर में आ
अंबेडकरनगर : भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) जिला इकाई ने किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। मांग करते हुए जिला उपाध्यक्ष बृजेश यादव ने कहा कि गोरखपुर एक्सप्रेस-वे में किसानों की जमीन का बैनामा शासन ने पांच माह पूर्व करवा लिया था, लेकिन अभी तक किसानों का भुगतान नहीं किया गया। इसका ब्याज सहित भुगतान किया जाए। किसानों के गेहूं की फसल काटने के बाद सड़क बनवाई जाए। नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया था कि गेहूं की बोआई कर लें और गेहूं की फसल काटने के बाद ही सड़क बनाई जाएगी। इस मौके पर लालमणि, छोटेलाल, अरविद, आशाराम कनौजिया, उर्मिला, निर्मला, रेखा, शोभाराम आदि मौजूद रहे। विद्युतनगर : टांडा तहसील के धौरहरा गांव में नेशनल हाईवे के बगल आवासीय दर से प्रतिकर दिए जाने की मांग को लेकर धरना दे रही भारतीय किसान यूनियन (राजनैतिक) का प्रदर्शन गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान किसानों ने एक स्वर में आवासीय प्रतिकर देने की मांग उठाई। मंडल उपाध्यक्ष रणजीत वर्मा उर्फ लल्लू वर्मा ने कहा कि मुआवजे के नाम पर किसानों को उचित प्रतिकर नहीं मिल पा रहा है। किसान अपनी मांग को लेकर किसी भी तरह की लड़ाई लड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रशासन किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। तहसील अध्यक्ष लक्षिराम वर्मा ने कहा कि प्रशासन और एनएचआई के अधिकारियों के साथ किसानों की पिछले दिनों हुई वार्ता के दौरान आश्वासन दिए जाने के बावजूद किसानों की मांगें पूरी नहीं की गई। इस दौरान त्रिभुवन मौर्य, किशुन कुमार, घनश्याम, सुरेश, बाबूराम, संग्राम, रामनेवल पासवान, मस्तराम, राम नयन, सभाजीत, रामजीत, सियाराम, भोला, रवीश चंद्र, संजय, मनोज, जवाहिर, बच्चूलाल वर्मा आदि मौजूद रहे।