वार्षिक मजलिस का समापन
मौलाना नूरूल हसन रिजवी ने इमामबाड़ा मीरानपुर में मजलिस को संबोधित किया।
अंबेडकरनगर : हजरत मुस्लिम बिन अकील नवासए रसूल हजरत इमाम हुसैन के चचेरे भाई थे, जो इमाम के प्रतिनिधि के तौर पर कूफा गए ताकि वहां की परिस्थितियों से रूबरू हो सकें। यह बात मौलाना नूरूल हसन रिजवी ने इमामबाड़ा मीरानपुर में कहीं। वह धार्मिक संस्था तंजीम रजा-ए-इलाही की ओर से सफीर-ए-हुसैनी का मातम शीर्षक से आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक मजलिस को गुरुवार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा हजरत मुस्लिम बिन अकील की महिमा समझने के लिए तत्कालीन इमाम हजरत हुसैन अलैहिस्सलाम की अजमत को समझना होगा। दूसरी मजलिस को मौलाना शाहिद हुसैन रिजवी ने कहा हम सब को विचार करना होगा कि कोरोना वायरस कहीं हमारे पाप का प्रतिफल तो नहीं है। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक शनिवार को ईदुल अजहा तथा आगामी 21 अगस्त से मुहर्रम मनाएंगे। सामाजिक संस्था अल-इमाम चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से फेसमास्क व सिनेटाइजर की व्यवस्था की गई।