¨हदू-मुस्लिम एकता के समर्थक थे अबुल कलाम
अंबेडकरनगर : राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद नई दिल्ली के बैनर तले एमएच निस्वा स्कूल सुल्ता
अंबेडकरनगर : राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद नई दिल्ली के बैनर तले एमएच निस्वा स्कूल सुल्तानपुर कबीरपुर में स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिन अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में समारोह पूर्वक मनाया गया। शुभारंभ मुख्य अतिथि मोहम्मद शफी नेशनल इंटर कॉलेज हंसवर के शिक्षक मोहम्मद असलम खान की उपस्थिति में हुआ। मुख्य अतिथि ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद एक सच्चे राष्ट्रभक्त, कुशल वक्ता व महान विद्वान थे। पुराने एवं नये विचारों में अद्भुत सामंजस्य रखने वाले ¨हदू-मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक थे। वसी अख्तर खान ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आ•ाद महान स्वतंत्रता सेनानी व भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के साथ उच्च कोटि के कवि, लेखक एवं पत्रकार भी थे। मौलाना अबुल कलाम आ•ाद भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने थे। वर्ष 1992 में मरणोपरांत मौलाना को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। प्रबंधक जमाल अख्तर खान ने कहा कि एक इंसान के रूप में मौलाना आजाद महान थे। उन्होंने हमेशा सादगी का जीवन पसंद किया। उन्होंने Þअल हिलालÞ नामक उर्दू अखबार का प्रकाशन 1912 में प्रारंभ किया। इस अखबार ने ¨हदू-मुस्लिम एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानाचार्य शाह आलम खान ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने वाले मौलाना आजाद भारत के बंटवारे के घोर विरोधी थे। वह उर्दू के बेहद काबिल साहित्यकार और पत्रकार के साथ एक पक्के राष्ट्रवादी और क्रांतिकारी थे। अध्यक्षता वसी अख्तर खान व संचालन मोहम्मद खालिद ने किया। प्रदीप कुमार, मोहम्मद अखलाक खान, मंजूर अहमद, संतोष कुमारी, पवन कुमार, नुजहत फात्मा, बबिता वर्मा, प्रतिभा, माधुरी, रानू गोस्वामी, मोहम्मद साकिब आदि उपस्थित थे।