धान बेचने को मुसीबत में अन्नदाता
अंबेडकरनगर : साधन सहकारी समिति खजुरी करौंदी में पीसीएफ संचालित खोला गया धान क्रय केंद्र स
अंबेडकरनगर : साधन सहकारी समिति खजुरी करौंदी में पीसीएफ संचालित खोला गया धान क्रय केंद्र सचिवों की हड़ताल खत्म होने के बाद भी सफेद हाथी साबित हो रहा है। किसान जब उम्मीद के साथ क्रय केंद्र पर पहुंचते है तो केंद्र पर लटक रहे ताले खरीद संबंधी जानकारी का बैनर उनका मुंह चिढ़ाता है। वर्तमान में फसलों की बोवाई के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था के लिए मजबूरन आढ़तियों के हाथ लुटने को विवश है। सरकार समर्थित 1770 रुपए के सापेक्ष 1100 रुपये में आढ़तिए धान खरीद मालामाल हो रहे है। जलालपुर तहसील क्षेत्र के सुरहुरपुर, मालीपुर, धवरुआ व खजुरी न्याय पंचायत में हजारों किसानों के धान खरीद के लिए शासन स्तर से पीसीएफ संचालित महज एक मात्र क्रय केंद्र की स्थापना खजुरी करौंदी में साधन सहकारी समिति पर की गई हैं। पूर्व में सुरहुरपुर व करमिसिरपुर में संचालित हो रहे खरीद केंद्र को बंद कर दिया गया। एक मात्र क्रय केंद्र क्षेत्रफल और आबादी के लिहाज से कम है। सुरहुरपुर व करमिसिरपुर के दर्जनों किसान जिलाधिकारी से मिल दोनों बंद क्रय केंद्र को खोलने की अर्जी भी लगा चुके है। उपजिलाधिकारी संतोष कुमार ¨सह ने बताया कि रविवार है क्रय केंद्र बंद होना चाहिए। सोमवार को निरीक्षण कर धान खरीद का जायजा लूंगा।
---------------
फोटो : 18 एएमबी 13-
बेसहारा जानवरों से किसी तरह फसल को बचाया गया। अब धान बेचने को जद्दोजहद करना पड़ रहा है। डीएम को इससे निपटने की रूपरेखा तैयार कर किसानों को राहत दिलाना चाहिए।
-मूलचंद चतुवर् दी
------------
फोटो : 18 एएमबी 14-
धान क्रय केंद्र पर ठप खरीद के प्रति प्रशासन यदि आवश्यक कदम उठाती तो किसान अपनी ऊपज का वाजिब मूल्य पाता।
-जान बहादुर वर्मा
-------------
फोटो : 18 एएमबी 15-
धान की फसल दरवाजे पर पड़ी है। बिक्री के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद अब धान क्रय केंद्र का चक्कर इस उम्मीद में काटने को मजबूर हूं कि केंद्र का ताला खुले और फसल का वाजिब मूल्य मिल सके।
-आशाराम वर्मा
------------
-15 दिन पिछड़ी आलू की बोआई-
किछौछा : साधन सहकारी समिति के सचिवों की हड़ताल के चलते रबी फसलों की बोवाई पर ग्रहण लग गया है। आलू की खेती लगभग 15 दिन पिछड़ने से नुकसानदायक साबित होने के डर से किसान आलू बोने से परहेज कर रहे हैं। समिति पर समय से खाद न मिलने के चलते प्राइवेट दुकानों से खाद खरीदने को मजबूर है। शनिवार की देरशाम तक सोसाइटी से खाद निकलवाने में किसान लगे रहे। किसान फूलचंद, रामाश्रय, रामप्रसाद, रामकिशुन, अंगद कुमार, जेठू, नगेंद्र प्रसाद ने बताया कि समय से खाद न मिल पाने के चलते आलू की बोवाई प्रभावित हुई है। एडीओ कोऑपरेटिव रामदयाल पांडेय ने बताया कि तीन सूत्री मांगों को लेकर सचिव हड़ताल कर रहे थे। शासन स्तर पर आश्वासन के बाद सचिवों ने धरने से वापस लौट कर खाद का वितरण शुरू किया गया है।