स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण अधूरा, कार्रवाई की तैयारी
करीब छह वर्षों से निर्माणाधीन दो सीएचसी और चार पीएचसी का निर्माण पूरा न होने पर कार्रवाई की तैयारी की गई है।
अंबेडकरनगर: करीब छह वर्षों से निर्माणाधीन दो सीएचसी और चार पीएचसी का निर्माण पूरा न होने पर डीएम ने सख्त रवैया अपनाया है। डीएम ने सीएमओ से स्पष्ट कहा कि जनवरी के आखिरी सप्ताह तक यदि सभी केंद्र हैंडओवर नहीं हुए तो संबंधित संस्था व ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कराएं। विभाग अब कार्रवाई करने में जुट गया है। निर्माण पूरा कराने में लापरवाही बरती जा रही है। वहीं सीएमओ ने निर्माण संस्था इकाई के प्रबंधक को नोटिस भेजकर जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कराकर भवन को हैंडओवर करने की बात कही है।
-दो सीएचसी और चार पीएचसी का निर्माण अभी अधूरा : गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए नए अस्पतालों की सौगात वर्ष 2014 में मिली थी। इनमें दो सीएचसी व चार पीएचसी शामिल हैं। इनका निर्माण लगभग छह वर्ष से चल रहा है लेकिन अभी भी सभी भवन अधूरे हैं। इनका संचालन शुरू होते ही ग्रामीणों को इलाज के लिए लंबी दूरी और जिला मुख्यालय तक भटकने से छुटकारा मिल जाएगा। विभागीय अवर अभियंता विजय पाल ने बताया कि सीएचसी बेवाना, राजेसुल्तानपुर तथा पीएचसी कौड़ाही, तेंदुआईकला, जल्लापुर तथा ऐनवां अभी अधूरा है। कार्यदाई संस्था और ठेकेदार को बार-बार कहने के बाद भी कार्य पूरा नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में शासन को पत्राचार भी किया जा रहा है।
-इन केंद्रों का निर्माण हुआ पूरा : वर्ष 2014-15 में पीएचसी सम्मनपुर, रसूलपुर, बाकरगंज तथा नेवादा को स्वीकृति मिली थी। इस सभी का निर्माण समय पर पूरा कर विभाग को हैंडओवर की प्रक्रिया संपन्न हो गई है।
-मातृ-शिशु कल्याण केंद्र की हो रही जांच : जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसील स्तर पर बने मातृ-शिशु कल्याण केंद्र के भवनों की गुणवत्ता एवं हैंडओवर की प्रक्रिया को संपन्न करने के लिए एक टीम गठित की गई है। इसमें स्थानीय एसडीएम और लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को नामित किया गया है। इसकी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को जल्द ही सौंपी जाएगी।
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अधूरे स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण को पूर्ण करने के लिए कार्यदाई संस्था को नोटिस भेजी गई है। यदि निर्धारित समय पर कार्य नहीं पूरा हुआ तो कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि कार्य अंतिम दौर में है।
डॉ. अशोक कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी