Ambedkarnagar: चिकित्सक के आवास पर सिपाहियों ने किया कब्जा, घंटों बवाल के बाद चाभी किया वापस
परिसर के टाइप एक में 18 कमरे हैं। इनमें नियमत उक्त आवासों में चिकित्सक और स्थाई कर्मचारी ही रह सकते हैं। इसके बावजूद यहां आधे से ज्यादा कमरों में संविदा कर्मियों ने कब्जा कर रखा है। इन आवासों पर करोड़ों रुपये का बिजली का बिल बकाया है।
अंबेडकरनगर, संवाद सूत्र। चिकित्सक के आवंटित आवास पर अकबरपुर कोतवाली के दो सिपाहियों ने कब्जा कर लिया। इसकी भनक जब चिकित्सक और कर्मचारियों को लगी तो वे आवास पर पहुंचे और बवाल करने लगे। मौके पर पहुंचे सीएमएस ने सिपाहियों से आवास खाली करने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने। थोड़ी ही देर बाद ही वहां महिला सिपाहियों समेत बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी पहुंच गए।
देखते ही देखते परिसर छावनी में तब्दील हो गया। तीन घंटे तक चले ड्रामा के बाद पुलिस के उच्चाधिकारियों की दखल पर दोनों कर्मियों ने कमरा खाली किया। स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों समेत कर्मचारियों के रहने के लिए बसखारी मार्ग के निबियहवा पोखरे के निकट आवास बनवा रखा है। इसी परिसर के टाइप पांच का कमरा नंबर दो जिला चिकित्सालय में तैनात रेडियोलाजिस्ट पीएन यादव के नाम कई वर्षों से आवंटित है।
आवंटन के बावजूद उक्त आवास में वर्षों तक निवर्तमान मुख्य अग्निशमन अधिकारी पीके चौबे रहते थे। ऐसे में पीएन यादव इसी परिसर में दूसरे चिकित्सक के नाम आवंटित कमरे में रहने को मजबूर थे। बीते दिनों सीएफओ का स्थानांतरण नोएडा होने के बाद मकान खाली हो गया। पुलिस की मंशा खाली कमरे में नवागत मुख्य अग्निशमन अधिकारी को रखने की थी। ऐसे में बीते दिनों कोतवाली में तैनात सिपाही राजेंद्र सिंह और राहुल यादव ने कब्जा कर लिया। शनिवार को बवाल के बाद सिपाही कमरा छोड़ भाग खड़े हुए।
मास्टर की से खोल लिया ताला : आवास के बाहर खड़े कर्मचारी यह दावा कर रहे थे कि सीएमएस ने उक्त कमरे में अपना ताला लगा दिया था। इसे दोनों सिपाहियों ने मास्टर की से कमरा खोलकर कब्जा कर लिया। वहीं दूसरी तरफ कमरे के भीतर सिपाहियों की मौजूदगी और दरवाजे पर बाहर से बंद ताला कुछ और ही कहानी बयां कर रहा था।
चिकित्सकों के आवास पर संविदा कर्मियों का कब्जा : परिसर के टाइप एक में 18 कमरे हैं। इनमें नियमत: उक्त आवासों में चिकित्सक और स्थाई कर्मचारी ही रह सकते हैं। इसके बावजूद यहां आधे से ज्यादा कमरों में संविदा कर्मियों ने कब्जा कर रखा है। इन आवासों पर करोड़ों रुपये का बिजली का बिल बकाया है।
पुलिस विभाग ने कमरा खाली करा दिया है। चाभी मुझे मिल गई है। किसी प्रकार को काेई विवाद नहीं है। - ओम प्रकाश गौतम, सीएमएस, जिला अस्पताल
जिलाधिकारी की अनुमति पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी वहां रहते थे। कमरा खाली हाेने के बाद उस पर सिपाहियों के कब्जे की जानकारी नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। - संजय राय, अपर पुलिस अधीक्षक