बदली व कोहरे संग हुई सुबह, दोपहर बाद खिली चटख धूप
-बर्फीली हवाओं एवं गलन ने किया परेशान कीचड़ की समस्या खड़ी -तापमान में सुधार होने से जनजीवन जीव-जंतु व फसलों का फायदा
अंबेडकरनगर : पिछले एक सप्ताह से बदली छाए रहने संग बीत दो दिनों से दिनों-रात जारी बारिश का सिलसिला थम चुका है। शनिवार की सुबह घने कोहरे और बदली के बीच हुई। सर्द हवाएं ठिठुरन पैदा करती रहीं तो लोग अलाव के आसपास सिमटे थे। हालांकि दोपहर बाद सूर्यदेव ने दर्शन दिया तो राहत महसूस होने लगी। शीतलहर ने पांव समेटा और बदली भी गायब हो गई। इसके बाद जनजीवन और जीव-जंतुओं को सर्दी से निजात मिली। जबकि फसलों पर भी बारिश से नुकसान होने का खतरा टल गया है।
हालांकि खराब मौसम को देखते हुए आठ तक की कक्षाओं में अवकाश घोषित रहा। ऐसे में धूप खिलते ही बच्चे भी खेलने के लिए मैदान में निकल आए। जिला अस्पताल में मरीजों को लेकर ठिठुरते तीमारदार बाहर पार्क में धूप सेंकते दिखे। उधर सरकारी तथा निजी कार्यालयों तथा प्रतिष्ठानों पर भी अधिकारी व कर्मी धूप का लुत्फ लेते दिखे। फिलहाल बारिश के बाद सड़कों पर कीचड़ की समस्या बनी है। वहीं मौसम के मिजाज में सुधार हुआ है। जिले का तापमान अधिकतम 20 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आगामी दिनों में काले बादलों की आवाजाही संग चटख धूप खिलने का अनुमान लगाया है। यातायात व्यवस्था रही बेपटरी : बीते शुक्रवार की शाम से शनिवार को सुबह 11 बजे तक घने कोहरे के बीच चंद कदम स्पष्ट नहीं दिख रहा था। ऐसे में सड़क यातायात खास प्रभावित हुआ। रात के समय वाहनों की लंबी कतार लगी थी। बस तथा ट्रकों के पीछे डिपर जलाए छोटे वाहन खुद को सुरक्षित रख कर सफर करने की जुगत करते रहे। दिन निकलने पर भी कोहरे के बीच हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। हालांकि किसी हादसे की सूचना नहीं मिली है।
वहीं रेल यातायात पर भी कोहरे का असर दिखा। अकबरपुर रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने वाली अधिकांश ट्रेनें घंटों विलंबित रहीं। इसमें कैफियत एक्सप्रेस साढ़े तीन घंटे, दून एक्सप्रेस दो घंटे, कोटा-पटना एक्सप्रेस पांच घंटे, लोकनायक एक्सप्रेस एक घंटे, उत्सर्ग एक्सप्रेस एक घंटे, साबरमती एक्सप्रेस छह घंटे और किसान एक्सप्रेस एक घंटे विलंबित रही। वहीं लखनऊ-वाराणसी पैसेंजर के अलावा सियालदह एक्सप्रेस, इंटरसिटी एक्सप्रेस तथा फरक्का एक्सप्रेस निरस्त रही। इससे यात्रियों को यात्रा में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।