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बाल विवाह रोक सुर्खियों में आईं शालिनी

अंबेडकरनगर : शालिनी चौहान बाल अधिकारों की सुरक्षा की मिसाल बन गई हैं। इस दिशा में उनके

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 09:33 PM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 09:33 PM (IST)
बाल विवाह रोक सुर्खियों में आईं शालिनी
बाल विवाह रोक सुर्खियों में आईं शालिनी

अंबेडकरनगर : शालिनी चौहान बाल अधिकारों की सुरक्षा की मिसाल बन गई हैं। इस दिशा में उनके संघर्षों को देखते हुए शासन ने उन्हें रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार देकर हौसलों को पंख लगा दिया है। उसने न सिर्फ खुद बल्कि समाज की अन्य लड़कियों की होने वाले बाल विवाह को रोक कर सुर्खियां बटोरी है। उसके इस प्रयास को क्षेत्र के चाचिकपुर स्थित पानी संस्थान द्वारा पूरा समर्थन व सहयोग दिया जा रहा है। इसके चलते उसे शासन ने पुरस्कृत किया है। शालिनी की जुबानी अब तक उसने खुद समेत आठ बालिकाओं के होने वाले बाल विवाह को रोकने में सफलता प्राप्त की है। बताया कि उसका यह प्रयास आजीवन जारी रहेगा। भीटी तहसील के गांव सेहरा जलालपुर के मजरे चौहान का पूरा निवासी ब्रम्हादीन चौहान की पुत्री शालिनी का जन्म 18 वर्ष पूर्व बेहद गरीबी में हुआ। पिता लखनऊ में पल्लेदारी करते हैं। जबकि बड़ा भाई प्रवीण चौहान राजगीर है। दो बहनें दामिनी (05), तनु सात माह की है। मां पूनम चौहान अनपढ़ हैं और गांव में म•ादूरी करतीं है। परिवार के पास नाम मात्र की 15 बिस्वा भूमि है। शानिनी जिला मुख्यालय स्थित रामसमुझ सुरसती महाविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा है। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पिता ने शालिनी का तीन साल पूर्व विवाह तय कर दिया। उम्र की महत्ता समझ चुकी शालिनी ने विरोध का स्वर मुखर किया और तय हुई शादी को रोकने में सफल हो गई। इसके बाद उसने बाल विवाह रोकने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया। मौजूद खजुरी बाजार स्थित एक निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य भी करती हैं। जबकि घर पर गरीब बच्चों को निश्शुल्क ट्यूशन पढ़ाकर उन्हें शिक्षा के अधिकार का एहसास व शिक्षा की दिशा में प्रेरित करती हैं। इसके अलावा जिले में होने वाले बाल अधिकार सुरक्षा संबंधी कार्यकर्मों में वह बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर अपनी छाप छोड़ देती हैं। इसके लिए विभिन्न कार्यकर्मों में भी सम्मानित किया जा चुका है। थाना, ब्लॉक, तहसील समेत अन्य कार्यालयों में बाल व महिला अधिकारों के लिए अपनी टीम के साथ हक की आवाज बुलंद करना उसकी दिनचर्या में शुमार है। साथ ही लड़कियों की शादी तय होने पर वह उनकी उम्र पता कर बाल विवाह रोकने के लिए उनके माता-पिता को समझाकर सफलता हासिल करती हैं।

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-------------गांव के विकास व शांति पर मिला इशरतजहां को सम्मान-संसू,मुबारकपुर : मेहनत और लगन से काम करने का फल आखिरकार मिल ही जाता है। पहली बार बनी प्रधान इशरतजहां के जज्बे को सलाम करते हुए रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों से पुरस्कृत किया। विकास खंड टांडा के ग्राम रसूलपुर मुबारकपुर में इशरतजहां के पूर्व इनके ससुर शाबान अहमद व चचिया ससुर मसूद आजम भी गांव के प्रधान रह चुके हैं। इशरतजहां पत्नी इरफान अहमद ने जनसेवा का बीड़ा उठाया और ग्राम पंचायत क्षेत्र में विधवा, वृद्धा व विकलांग को लाभ दिलाया तथा गांव में स्वच्छता अभियान चलाकर पूरे गांव को स्वच्छ बनाने में सहयोग प्रदान किया। इसके अलावा शासन द्वारा संचालित अन्य योजनाओं में सहयोग प्रदान किया गया। इन सभी कार्यों को करते हुए ग्राम पंचायत में बराबर शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग प्रदान किया। इन कार्यों को देखते हुए शासन ने रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से इशरतजहां को नवाजा गया।

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-सुशीला ने सरकारी योजनाएं जरूरतमंदों तक पहुंचाई-

मुबारकपुर : टांडा विकास खंड के रामपुर कला की प्रधान सुशीला वर्मा पत्नी महेशचंद्र वर्मा को रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार प्रदान किया। ग्राम पंचायत में पहली बार प्रधान बनने के बाद जनता के बीच सेवा करने की भावना से कार्य करते हुए सुख दुख में साथ देते हुए प्रधान ने क्षेत्र की विधवा, विकलांग, वृद्धा का चयन कर उन्हें सरकारी सहयोग प्रदान करने में पूरा सहयोग प्रदान किया। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत गांव में सफाई का उत्तम प्रबंध करते हुए ग्राम पंचायत में प्लान प्लस पर अपलोड कार्ययोजना के अनुसार ग्राम पंचायत के आंतरिक एवं वाह्य गलियों में खड़ंजा एव नाली का निर्माण कराया। पेयजल योजनांतर्गत हैंडपंप रिबोर कराया गया। मिड-डे मील योजना के अंतर्गत मानक एवं समय सारिणी के अनुसार बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराते हुए ग्राम पंचायत में इंद्रधनुष योजना के तहत बच्चों को टीकाकरण कराने में सराहनीय योगदान प्रदान किया।


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