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चेक बाउंस होने पर छह माह का कारावास

अंबेडकरनगर : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वीरेंद्र कुमार ने चेक के अनादरण (बाउंस)के दो मामलो

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 10:31 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 10:31 PM (IST)
चेक बाउंस होने पर छह माह का कारावास
चेक बाउंस होने पर छह माह का कारावास

अंबेडकरनगर : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वीरेंद्र कुमार ने चेक के अनादरण (बाउंस)के दो मामलों में अलग-अलग फैसला देते हुए कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई।परिवादी कोतवाली अकबरपुर क्षेत्र के शहजादपुर खत्रियाना टोला निवासी संजय मेहरोत्रा ने न्यायालय पर उक्त कोतवाली क्षेत्र के शहजादपुर अब्दुल्लापुर निवासी संजय के विरुद्ध परिवाद दायर कर आरोप लगाया कि परिवादी से गत एक जून 2011 को आरोपी आया और उससे तीन लाख 50 हजार रुपये ऋण स्वरूप मांगा। इसके बाद दोबारा गत 10 जून 2011 को 50 हजार रुपये लिया। आरोपी ने रुपये वापस करने के लिए चार माह का समय लेते हुए परिवादी को दो अलग-अलग पोस्टटेड चेक दिया। निश्चित अवधि में आरोपी के द्वारा उसके रुपये वापस न करने पर परिवादी ने चेक बैंक में अपने खाता में लगाया। जहां पर चेक अनादरित (बाउंस) हो गया। परिवादी उससे बराबर अपने रुपये की मांग करता था। रुपये न मिलने पर परिवादी ने न्यायालय पर आरोपी के विरुद्ध दोनों चेकों के बावत अलग-अलग परिवाद दायर किया। सुनवाई के दौरान परिवादी के अधिवक्ता आनंद द्विवेदी की दलीले सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी पर दोनों मामलों में दोष सिद्ध करते हुए एक मामले में छह माह का कारावास व पांच लाख रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। जिसमें से चार लाख 90 हजार रुपये परिवादी को व शेष धनराशि राजकोष में जमा करने व दूसरे मामले में तीन माह का कारावास व 75 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। जिसमें से 70 हजार रुपये परिवादी को व पांच हजार रुपये राजकोष में जमा करने का आदेश दिया।

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