बुनकरों की हड़ताल जारी
वस्त्र उद्योग नगरी में कुटीर उद्योग की तरह घर-घर लगे विद्युत चालित करघों की आवाज भ्थमी हुई है।
अंबेडकरनगर: वस्त्र उद्योग नगरी में कुटीर उद्योग की तरह घर-घर लगे विद्युत चालित करघों की खटर-पटर की आवाजें नहीं सुनाई पड़ीं। ठेलियों पर लदे धागों की गांठें भी गलियों में नहीं दिखीं। फ्लैट रेट पर विद्युत आपूर्ति की मांग को लेकर बुनकरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। इससे वस्त्र उत्पादन ठप हो गया है। नगर आने वाले व्यापारियों को माल की बिक्री बुनकर कर रहे हैं।
धागों की नहीं हो रही खपत : बुनकरों की हड़ताल के चलते धागों की खपत नहीं हो रही है। प्रतिदिन तीन से चार करोड़ रुपये के धागों की खपत होती है। इस पर 12 फीसद जीएसटी निर्धारित है। दो दिनों की हड़ताल से एक करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है।
गुरुवार को जारी शासनादेश ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। बुनकर इससे संतुष्ट नहीं हैं। हमारी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है।
-हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी
अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश बुनकर सभा