बच्चा स्वस्थ रहे अपना, हर आंखों का सपना
घर-आंगन में स्वस्थ बच्चे की किलकारी गूंजे। उसके इस सपने को पूरा करने में स्वास्थ्य विभाग प्रसव पूर्व जांच और सुरक्षित प्रसव की सारी सेवाएं मुहैया कराने को तत्पर है।
अंबेडकरनगर : कोरोना वायरस से गर्भ में पल रहे बच्चे को किसी भी तरह के खतरे के पुख्ता प्रमाण अब तक नहीं हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि सावधानी अवश्य बरतनी चाहिए, वजह हर मां का सपना होता है कि उसके घर-आंगन में स्वस्थ बच्चे की किलकारी गूंजे। उसके इस सपने को पूरा करने में स्वास्थ्य विभाग प्रसव पूर्व जांच और सुरक्षित प्रसव की सारी सेवाएं मुहैया कराने को तत्पर है। गर्भवती को जागरूक करने के लिए पंपलेट-पोस्टर और प्रचार-प्रसार के अन्य साधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रसव को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए गर्भवती अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता और एएनएम के संपर्क में रहें। आयरन फोलिक एसिड की 180 और कैल्शियम की 360 गोलियों का सेवन अवश्य करें। गर्भावस्था के दौरान रक्तस्त्राव होना, खून की कमी यानि कमजोरी या थकान महसूस होना, बुखार आना, सिर दर्द, झटके आना या दौरे पड़ना और गर्भ में पल रहे शिशु का कम घूमना खतरे के लक्षण नजर आने पर अस्पताल में जांच कराएं।
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इन बातों का रखें ख्याल : मास्क का उपयोग करें, घर पर भी इसे आसानी से बनाया जा सकता है, हर चार से छह घंटे में साबुन-पानी से अच्छी तरह से हाथ धोएं, मुख्यत: खाना बनाने और खाना खाने से पहले, खांसते या छींकते समय रूमाल या टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें। टिश्यू को कूड़ेदान में ही फेकें और रूमाल को अच्छी तरह धुलकर ही दोबारा इस्तेमाल करें, पौष्टिक आहार और अच्छी नींद लें, तनाव मुक्त रहें।
गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए जिला चिकित्सालय तथा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्था है। आशा को निर्देश दिया गया है कि पंजीकरण कर उनका समय-समय पर इलाज, जांच एवं टीकाकरण कराएं।
अनिल कुमार मिश्र
जिला कार्यक्रम प्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,
अंबेडकरनगर