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खतरे के निशान से 42 सेमी नीचे ठहरा घाघरा का जलस्तर

के बीच घाघरा नदी एक बार उफान पर है। नदी का जल स्तर स्थिर है। नदी का जल स्तर खतरे के निशान से मात्र 42 सेंटीमीटर नीचे रह गया है। नदी के जल स्तर के उतरने का अनुमान किया जा रहा है। नदी के उफनाने से मांझा क्षेत्र के गांवों में दहशत है। नदी का जल स्तर कभी एक सेंटीमीटर प्रति घंटा तो कभी दो घंटे में एक सेंटीमीटर की दर से बढ़ती हुई स्थिर हो गई है। शुक्रवार को तीन बजे दिन में नदी का जल स्तर बढ़ते हुए खतरे के निशान 92.730 मीटर से मात्र 42 सेंटीमीटर

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 10:17 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 10:17 PM (IST)
खतरे के निशान से 42 सेमी नीचे ठहरा घाघरा का जलस्तर
खतरे के निशान से 42 सेमी नीचे ठहरा घाघरा का जलस्तर

अंबेडकरनगर : उतार-चढ़ाव के बीच घाघरा नदी उफान पर है। हालांकि शनिवार को नदी का जलस्तर स्थिर रहा। खतरे के निशान से मात्र 42 सेंटीमीटर नीचे जलस्तर के उतरने का अनुमान लगाया जा रहा है। फिर भी मांझा क्षेत्र के गांवों में हलचल है। नदी का जलस्तर कभी एक सेंटीमीटर प्रति घंटा तो कभी दो घंटे में एक सेंटीमीटर की दर से बढ़कर स्थिर हो गई है। शुक्रवार को तीन बजे दिन में नदी का जल स्तर बढ़ते हुए खतरे के निशान 92.730 मीटर से मात्र 42 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गई थी। स्थानीय लोगों का कहना है नदी के जलस्तर बहुत धीमी गति से बढ़ रहा है। इसमें निरंतर वृद्धि से तहसील के मांझा क्षेत्र के गांवों मांझा उल्टहवा, मांझा कला, मांझा चितौरा में परेशानी है। अब पानी और बढ़ा तो गांव तक पानी पहुंच सकता है। हालांकि अभी कोई समस्या नहीं है। नदी के पानी का दबाव दक्षिणी तट पर बना है। तहसीलदार ने बताया नदी की बाढ़ से गांवों को अभी कोई खतरा नहीं है।

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