अमृत योजना: पाइपलाइन डालने में लाखों का बंदरबांट, अधिकारी अनभिज्ञ
केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए चलाए जा रहे है।
अंबेडकरनगर: केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए चलाए जा रहे अमृत योजना के धन में बंदरबांट किया जा रहा है। अकबरपुर में घर-घर पेयजल पहुंचाने के लिए बिछाई जाने वाली पाइपलाइन मानक के अनुरूप नहीं डाली जा रही है।
अमृत योजना के तहत नगर के 25 वार्डों के घरों में पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर पालिका अकबरपुर ने जल निगम को सौंपी है। करीब 85 करोड़ की इस परियोजना में निगम के अधिकारी और नामित संस्था लाखों के धन का गोलमाल करने में जुटी है। योजना के तहत बनगांव मार्ग से तमसा मार्ग तक 200 एसी सीमेंटेड पाइप खुदाई कर डाली जानी थी, लेकिन संस्था इसके स्थान पर 160 एचडीपी की प्लास्टिक पाइप बिना खुदाई के मशीन द्वारा डलवा रही है।
ऐसे हो रहा धन का बंदरबांट : योजना के तहत ठेकेदार को इस कार्य के लिए 870 रुपये रनिग मीटर के हिसाब से भुगतान किया जाता है, लेकिन ठेकेदार इसकी खुदाई न कराकर मशीन के सहारे पाइप डाल रहा है। इसके चलते ठेकेदार महज 220 रुपये रनिग मीटर के खर्च में 870 रुपये का भुगतान करा रहे हैं। बचे 650 रुपये रनिग मीटर के भुगतान में खेल किया जा रहा है।
नगरवासियों के घरों तक नहीं पहुंच पाएगा पानी: ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत से मानक से पतली पाइपलाइन डालने से वार्ड के मुहल्लों में पानी उस फोर्स से नहीं पहुंच पाएगा, जितने की जरूरत है। कनेक्शन के सापेक्ष पानी न आने से मुहल्ले के आखिरी घर तक पेयजल नहीं पहुंच पाएगा। इसके चलते नगरवासियों को पानी की किल्लत पहले की भांति बनी रहेगी।
मामला संज्ञान में आया है। जल निगम के अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। मानक के विपरीत कार्य मिलने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घनश्याम मीणा, मुख्य विकास अधिकारी
मानक के विपरीत पाइपलाइन बिछाए जाने की जानकारी नहीं है। यदि ठेकेदार द्वारा ऐसी अनियमितता बरती जा रही है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वकार हुसैन, अधिशासी अभियंता
जलनिगम