प्रयागराज से कंट्रोल होता साल्वर गैंग, फर्जी अभिलेख बनाने में माहिर
अंबेडकरनगर शिक्षक पात्रता परीक्षा में सेंध लगाने वाला साल्वर गैंग प्रयागराज जनपद से कंट्रोल ह
अंबेडकरनगर: शिक्षक पात्रता परीक्षा में सेंध लगाने वाला साल्वर गैंग प्रयागराज जनपद से कंट्रोल होता है। प्रयागराज के तेलियरगंज में कूटरचित अभिलेख तैयार किए जाते हैं। दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के लिए साल्वरों से यहीं संपर्क किया जाता है। इसके बाद परीक्षा के अनुसार सौदा तय होता है। टीईटी में पास करने के लिए तीन लाख रुपये में सौदा तय किया गया था। इसमें से एक लाख रुपये परीक्षा से पहले व दो लाख परीक्षा के बाद देना होता है। पुलिस ने पहले दिन पकड़े गए तीन साल्वरों से पूछताछ के बाद दो अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया है। इन्हें जेल भेजा गया। पकड़े गए साल्वर खुद कई प्रतियोगी परीक्षा पास कर चुके हैं। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि उक्त परीक्षा के अलावा अन्य किसी में इनके शामिल होने की पुष्टि नहीं हो सकी है।
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पकड़े गए आरोपित: साल्वर गैंग में आजमगढ़ जिले के पवई थाने के मित्तूपुर गांव के झिनकू प्रजापति, सुलतानपुर जिले के दोस्तपुर थाने के पहाड़पुर बस्तीपुर के अखिलेश निषाद व मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के बेरछा थाने के बजरंग मुहल्ला पाउली की मोनिका राठौर को दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था। लखनऊ के आशियाना थाने के कंचनपुर की साधना मौर्या को नकल करते पकड़ा था। इनके खिलाफ पुलिस ने पहले ही मुकदमा दर्ज किया है। साल्वर गैंग के तीनों लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस ने मालीपुर थाने के बीबीपुर इटौली गांव के संदीप यादव एवं प्रयागराज के मुलईपुरा तेलियरगंज के धीरज को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने कूटरचित अंक प्रमाणपत्र, कूटरचित प्रवेश पत्र, सीपीयू बरामद किया है। ------------------
धीरज और संदीप साल्वर गैंग के सरगना : शिक्षक पात्रता परीक्षा में कुछ केंद्रों पर साल्वर बैठे होने की सूचना पुलिस को मुखबिर से मिली। त्वरित कार्रवाई कर तीनों साल्वर को दबोच लिया। पूछताछ में इनकी निशानदेही पर गिरोह के सरगना दोनों अभियुक्त संदीप यादव और धीरज को अकबरपुर बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार कर लिया। साल्वर गैंग का सरगना धीरज ने बताया कि वह और मालीपुर का संदीप यादव परीक्षा से पहले अपना जाल फैलाकर अभ्यार्थियों को पास कराने की तलाश करता था। सौदा तय होने के बाद इन्हें प्रयागराज के तेलियरगंज में बुलाया जाता था। यहीं रकम लेने के बाद इनके मूल अंक पत्रों व प्रवेशपत्र को स्कैन कर फर्जी अभिलेख बनाए जाते थे। वास्तविक परीक्षार्थियों के स्थान पर साल्वर गैंग के सदस्यों का फोटो लगा अंकपत्र और प्रवेशपत्र तैयार कर परीक्षा में शामिल करा दिया जाता था। परीक्षा के दौरान यह गिरोह संबंधित जिले में ही मौजूद रहता है। सौदे के मुताबिक तीन लाख रुपये में एक लाख रुपये अग्रिम एवं परीक्षा होने के बाद दो लाख लेकर यह गैंग निकल जाता है।