400 घरों के सापेक्ष बने महज 80 शौचालय
लीपुर से शाहगंज मुख्य मार्ग पर बसे यादव व दलितों के घरों और खंनुसपुर मजरे के किसी भी घर को शौचालय का लाभ नहीं दिया गया। इसे बिडंबना कहे या लापरवाही शौचालय निर्माण किया गया
अंबेडकरनगर : ग्राम पंचायत की कुल आबादी तीन हजार, घरों की संख्या 400 और शौचालय बने 80। इसके बाद भी गांव को घोषित कर दिया गया खुले में शौचमुक्त। यही नहीं दर्जनों अर्धनिर्मित शौचालय जहां धन के अभाव में विभागीय लापरवाही की पोल खोल रहे हैं। शौचालय से वंचित परिवार खुले में शौच जाने को विवश हैं। यहां हालात जलालपुर ब्लॉक अंतर्गत ताहापुर का।
सरकार के आदेश पर स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों में रहे परिवारों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए ग्राम पंचायत का चयन कर शौचालय का निर्माण शुरू कराया गया। ताहापुर ग्रामसभा में छोटे-बड़े सात मजरे है। लगभग दो किलोमीटर परिधि में फैले इस गांव में अल्पयसंख्यक, पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित के साथ सामान्य जातियों के लगभग तीन हजार लोग निवास करते है। गांव में घरों की संख्या लगभग 400 की बताई गई। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस गांव में 80 शौचालय की सौगात दी गई, जो जनसंख्या के लिहाज से काफी कम थी। ग्राम प्रधान ने 68 शौचालय का निर्माण जहां अपनी देखरेख में निर्माण का दावा किया वही 12 लाभार्थियों के खाते में रुपया भेजा। गांव के निरीक्षण में दर्जनों शौचालय के न तो छत, न ही गड्ढ़ों पर ढक्कन और न ही सीट लगाई गई है। मालीपुर से शाहगंज मुख्य मार्ग पर बसे यादव व दलितों के घरों और खनुसपुर मजरे के किसी भी घर को शौचालय का लाभ नहीं दिया गया। दलित बस्ती के निवासी इंद्रजीत, झीलाऊ, गिरधारी एवं तीजू, ताहापुर गांव की मनोगी, खदेरू, रामनवल, बसंतलाल, आशा, सियाराम आदि ने बताया शौचालय की सुविधा से वंचित हैं। खंड विकास अधिकारी जलालपुर के मोबाइल पर संपर्क किए जाने का प्रयास किया गया तो उनका सीयूजी नंबर बंद मिला।