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धरती का अमृत बचाने को तैयार हो रहे तालाब

जल ही जीवन है और जीवन से जुड़े इस जल को बचाने व धरती का जलस्तर बनाए रखने में तालाब एक बेहतर माध्यम हैं। जल की महत्ता को ध्यान में रखते हुए जल संचयन समय की मांग है। जिले में करीब आठ हजार तालाब हैं। ये तालाब बहुआयामी उपयोग में आते हैं। प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र में तालाब सिचाई व अन्य कार्यों के लिए उपयोगी हैं। इन तालाबों को संवारने व बचाने के साथ इनकी संख्या में इजाफा करने के लिए शासन ने नए तालाबों की खोदाई के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 02:16 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 02:16 AM (IST)
धरती का अमृत बचाने को तैयार हो रहे तालाब
धरती का अमृत बचाने को तैयार हो रहे तालाब

अंबेडकरनगर : जल ही जीवन है और जीवन से जुड़े इस जल को बचाने व धरती का जलस्तर बनाए रखने में तालाब एक बेहतर माध्यम हैं। जल की महत्ता को ध्यान में रखते हुए जल संचयन समय की मांग है। जिले में करीब आठ हजार तालाब हैं। ये तालाब बहुआयामी उपयोग में आते हैं। प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र में तालाब सिचाई व अन्य कार्यों के लिए उपयोगी हैं। इन तालाबों को संवारने व बचाने के साथ इनकी संख्या में इजाफा करने के लिए शासन ने नए तालाबों की खोदाई के निर्देश दिए हैं। इस वर्ष जिले को 375 तालाबों के खोदाई का लक्ष्य मिला है। इनके सर्वे का कार्य चालू है। नौ ब्लॉक में करीब 310 तालाबों को चिह्नित कर इसकी खोदाई का कार्य चालू करा दिया गया है।

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जल संचयन के साथ रोजगार भी : गांव में आने वाले श्रमिकों को रोजगार मिल सके इसके लिए सरकार नित्य नए आयाम खोजने में जुटी है। जिला प्रशासन मनरेगा योजना से तालाबों की खोदाई से जल संचयन के श्रोतों में बढ़ोतरी करने एवं लॉकडाउन में गैरप्रांतों से आने वाले कामगार श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने की दोहरी नीति पर कार्य कर रही है। जनपद में 310 तालाबों की खुदाई में प्रतिदिन करीब तीन हजार मजदूरों को रोजगार मिल रहा है।

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शासन के निर्देशानुसार कार्य कराए जा रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में जनपद को 375 तालाबों की खोदाई का लक्ष्य मिला है। जिसमें 310 तालाबों पर कार्य शुरू करा दिया गया है।

राकेश प्रसाद, डीसी मनरेगा

अंबेडकरनगर


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