कुंभ मेले को लेकर गंगा की साफ जलधारा के लिए जीरो टॉलरेंस
प्रदेश सरकार ने अगले वर्ष इलाहाबाद में होने वाले कुंभ में गंगा की साफ जलधारा पहुंचाने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश सरकार ने अगले वर्ष इलाहाबाद में होने वाले कुंभ में गंगा की साफ जलधारा पहुंचाने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। सरकार ने नगर विकास विभाग व पर्यावरण विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। जल प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग बंद किए जाएंगे। गंगा नदी में सीधे गिरने वाले नालों पर भी अंकुश रहेगा। माघ मेले की तर्ज पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानी की गुणवत्ता की निगरानी रखेगा।
योगी सरकार इस बार कुंभ 2019 को यादगार बनाने जा रही है। प्रयाग में 15 दिसंबर से 15 मार्च, 2019 के बीच कुंभ के दौरान भव्य आयोजन होंगे। इस दौरान देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर से श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। कुंभ के महत्व को देखते हुए सरकार ने इस बार गंगा की स्वच्छ धारा पहुंचाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसकी समीक्षा कर रहे हैं। अफसरों को कुंभ के दौरान गंगा नदी में साफ पानी पहुंचाने की हिदायत दी गई है।
प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सभी नगरीय निकायों को नदी का तट साफ रखने के लिए कहा गया है। जितने भी नाले गंगा में गिरते हैं उनमें जाली लगाने के निर्देश दिये गए हैं। सीधे कोई भी नाला गंगा नदी में नहीं गिराया जाएगा। सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ठीक से चलें इसके निर्देश जारी किये गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी ने बताया कि कुंभ में साफ पानी मिले इसके लिए सभी जगह पानी की गुणवत्ता जांची जाएगी। माघ मेले में जिस प्रकार की निगरानी उद्योगों पर थी उसी प्रकार इस बार भी रहेगी। गड़बड़ी करने वाले उद्योगों को तत्काल बंद किया जाएगा। सभी नगरीय निकायों को गंगा नदी से आधा किलोमीटर दूर डंपिंग ग्राउंड बनाने के निर्देश दिये गए हैं।