सराय ममरेज में बदमाशों ने ईंट-पत्थर से वार कर युवक को मौत के घाट उतारा Prayagraj News
देर रात वापस लौट रहा था। घर वापस जाते समय रास्ते में घात लगाए बदमाशों ने लालमणि को घेर लिया। किसी वजनदार वस्तु से उसके सिर पर प्रहार कर हत्या कर दी।
प्रयागराज, जेएनएन। सरायममरेज के भवरगढ़ कलना गांव में किसान 52 वर्षीय लालमणि यादव की घर लौटते वक्त रास्ते में हत्या कर दी गई। देर रात खोजबीन के दौरान खेत में उनका शव मिला। सिर पर गहरी चोट से उïनकी मौत हुई थी। पुलिस छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
चौराहे जाने की बात कहकर घर से निकला था
भवरगढ़ कलना गांव निवासी लालमणि यादव खेती करते थे। रविवार देर रात वह बाजार से घर में सब्जी पहुंचाने के बाद पत्नी शकुंतला को यह बताकर निकले कि बंदी पट्टïी चौराहा जा रहे हैैं। किसी व्यक्ति का फोन आ रहा है जिससे मिलना जरूरी है। फिर वह देर रात तक नहीं लौटे तो पत्नी ने फोन किया लेकिन घंटी बजती रही कॉल रिसीव नहीं हुई। चिंतित होकर परिवार के लोग तलाश में घर से निकल पड़े। लालमणि के भतीजे संदीप ने घर से पैदल निकलने के बाद उनके नंबर पर फोन लगाया तो करीब सौ मीटर दूर खेत के पास अंधेरे में उसे मोबाइल की घंटी सुनाई दी। वह आसपास देखने लगा तो खडज़ा किनारे साइकिल पड़ी दिखी। फिर गेहूं के खेत में लालमणि यादव खून से लथपथ पड़े मिले।
छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है पुलिस
चाचा को लहूलुहान देख संदीप ने शोर मचाया तो परिवार के लोग और ग्रामीण आ गए। लालमणि को निजी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनकी मौत हो चुकी है। खबर पाकर सीओ हंडिया पुलिस बल के साथ पहुंच गए। डॉग स्कवायड के खोजी कुत्ते और फील्ड यूनिट को भी बुलाया गया। पुुलिस को मौके पर एक लाठी मिली जिस पर से फिंगर प्रिंट उठाए गए। घरवालों से पता चला कि लालमणि ब्याज पर पैसे भी देते थे। पुलिस ऐसे छह लोगों को पकड़कर पूछताछ कर रही है जिन्होंने लालमणि से रकम उधार ली थी। थाना प्रभारी जीतेंद्र सिंह के मुताबिक, जांच में कुछ सुराग मिले हैैं जिनके सहारे जल्द ही कातिलों को पकड़ लिया जाएगा।
भाई का भी कत्ल, भतीजा हुआ अगवा
लालमणि यादव के रिश्ते के भाई 45 वर्षीय वीरेंद्र यादव की सितंबर 2017 में गोली मारकर हत्या हो चुकी है। उसे बाइक पर बैठाकर ले जाने के बाद हंडिया के सरायपीथा गांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास कत्ल कर दिया गया था। आज तक उस घटना में कातिल पकड़े नहीं गए हैैं। इससे पहले लालमणि यादव के भतीजे आशीष को अज्ञात बदमाशों ने 14 सितम्बर 2014 को झूंसी में चक महीन गांव से अगवा कर लिया था। छह साल बाद भी पुलिस अपहर्ताओं का पता नहीं लगा सकी है न तो आशीष को बरामद किया जा सका है। वह शहर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। परिवार के लोग उन दो आघात से उबरे भी नहीं थे कि अब लालमणि की हत्या कर दी गई।
छह बच्चे हुए बेसहारा
लालमणि के कत्ल से उनकी पत्नी और छह बच्चों पर मुसीबत टूट पड़ी है। उनका एक बेटा है 10 साल का प्रांजल। बाकी पांच बेटियां रीनू, सुमन, मेघना, एंजल और काजल हैैं। बेटियां नाबालिग हैैं। लालमणि के दोनों भाई जय प्रकाश और उदयराज मुंबई में नौकरी करते हैैं।