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इनकम टैक्स व जीएसटी : इन खास बातों पर ध्यान देंगे तो नहीं होंगे परेशान

अगर आज कुछ खास बातों पर अमल कर लें तो जीएसटी और इनकम टैक्‍स विभाग के चक्‍कर लगाने से बच सकते हैं। जरूरी है कि आप पुराने बही खाते का सात से 10 साल का रिकार्ड सुरक्षित रखें।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 12:52 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 12:52 PM (IST)
इनकम टैक्स व जीएसटी : इन खास बातों पर ध्यान देंगे तो नहीं होंगे परेशान
इनकम टैक्स व जीएसटी : इन खास बातों पर ध्यान देंगे तो नहीं होंगे परेशान

प्रयागराज : वित्तीय वर्ष 2018-19 रविवार से खत्म हो रहा है। सोमवार से नया वित्तीय वर्ष (2019-20) शुरू हो जाएगा। ऐसे में पुराने बही खाते बंद करने और नए बही खाते खोलने की तैयारी जोरों से चल रही है। हालांकि व्यापारी, पेशेवर, संस्थाएं एवं कंपनियां, एनजीओ, बैंक एवं सरकारी विभाग कुछ खास चीजों पर ध्यान देंगे तो उन्हें बड़ी सहूलियत होगी। पुराने बही खाते का सात से 10 साल का रिकार्ड जरूर सुरक्षित रख लें। क्योंकि आयकर, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग जरूरत पडऩे पर ये रिकार्ड मांग सकता है।

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कैसे करें बही खाते का मिलान

-बैंक स्टेटमेंट से बैंक समाधान विवरण अवश्य बनाएं।

-तृतीय पक्षकारों से बही खाते की कापी अवश्य मंगा लें।

-ढाई लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान करते समय जीएसटी टीडीएस करना न भूलें।

-सभी प्रकार के भुगतानों में आयकर अधिनियम के तहत टीडीएस अवश्य करें, अन्यथा खर्चों पर भी आयकर देना पड़ेगा।

बही खाते कैसे करें बंद

-रोकड़ बही एवं बही खाते का मिलान अवश्य कर लें।

-जितने भी इनवायस और कैश मेमो हैं। इन्हें 31 मार्च के पहले संबंधित पार्टियों तक पहुंचा दें। जो भुगतान मिलना है उनके अर्जन की इंट्री भी जरूर कर लें।

-ट्रायल बैलेंस अवश्य बनाएं। यदि कैश बुक में कोई त्रुटि हो गई हो तो उसका भी संशोधन करके रिटर्न के माध्यम से जीएसटी एवं आयकर विभाग को सूचित कर दें।

एक अप्रैल से नए बही खाते की कर लें तैयारी

केंद्रीय प्रत्यक्षकर मूल्यांकन सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल बताते हैं कि व्यापार जगत में दो तरह की एकाउंटिंग (हिंदी और अंग्रेजी) की जाती है। पुराने बाजार जैसे चौक, कटरा आदि के ज्यादातर व्यापारी आज भी हिंदी में बही खाते बनाते हैं। सिविल लाइंस एवं अन्य क्षेत्र के कारोबारी अंग्रेजी यानी कंप्यूटर/सॉफ्टवेयर के माध्यम से बही खाते तैयार करते हैं। लिहाजा, व्यापारी एवं पेशेवर नए बही खाते की तैयारी एक अप्रैल से कर लें।


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