सिडनी में योग गुरु आनंद गिरि को जमानत पर सुनवाई की तारीख नहीं, समर्थन में उतरे संत
निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत योगगुरु स्वामी आनंद गिरि योग गुरु आनंद गिरि की जमानत पर सुनवाई के लिए तारीख न मिलने से संत काफी नाराज हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। आस्ट्रेलिया के सिडनी में महिलाओं के साथ अमर्यादित आचरण करने के मामले में जेल में बंद निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत योगगुरु स्वामी आनंद गिरि योग गुरु आनंद गिरि की जमानत पर सुनवाई के लिए तारीख न मिलने से संत काफी नाराज हैं। माना जा रहा था कि बुधवार को उनकी जमानत पर सुनवाई की तारीख मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
योगगुरु स्वामी आनंद गिरि के समर्थन में संत उतर आए हैं। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर संतों को प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए उन्हें छुड़ाने की मांग की। वहीं प्रयाग पीठाधीश्वर ओंकारानंद सरस्वती ने कहा कि विदेशी ताकतें संतों को निशाना बना रही हैं।
योगगुरु स्वामी आनंद गिरि को बुधवार को जमानत की तारीख नहीं मिल सकी। जमानत पर सुनवाई के लिए तारीख न मिलने से संतों में असंमजस की स्थिति बनी हुई है। उनके बारे में कोई जानकारी न मिलने से संत परेशान हैं।
महंत आनंद गिरि के गुरु और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बुधवार को जमानत मिलने की उम्मीद जताई थी, लेकिन जमानत की सुनवाई हो सके इसके लिए ही तारीख नहीं मिली। महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि स्वामी आनंद गिरि के अनुयायियों से बात होती है लेकिन उनसे भी अधिक संपर्क नहीं हो पा रहा है। इतना पता चला है कि जमानत पर सुनवाई के लिए तारीख नहीं मिल सकी। महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत जमुनापुरी का कहना है कि इस मामले में केंद्र व प्रदेश सरकार को प्रयास करना चाहिए।
क्या 26 तक जेल में रहेंगे आनंद गिरि
स्वामी आनंद गिरि को कोर्ट ने 26 मई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। ऐसे में अगर जमानत पर सुनवाई की तारीख नहीं मिली तो उनका 26 मई तक जेल में ही रहना पड़ेगा। संतों का कहना है कि उनके अनुयायी लगातार प्रयास में लगे हैं। जमानत के लिए कोर्ट तारीख दे इसका प्रयास जारी है। तारीख न मिलने से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है।
अखाड़ा परिषद कराएगी आनंद गिरि प्रकरण की जांच
निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत योगगुरु स्वामी आनंद गिरि के पक्ष में कानूनी पैरवी चल रही है। जल्द जमानत दिलाने के लिए उनके गुरु व शिष्य सक्रिय हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने प्रकरण की जांच कराने का निर्णय लिया है। विदेशों में मौजूद अलग-अलग अखाड़ों के महात्मा मामले की जांच करेंगे। यह जांच कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद शनिवार से शुरू होगी। अखाड़ा परिषद अपनी निष्पक्षता व महात्माओं की बेदाग छवि पर विशेष ध्यान रखता है। किसी महात्मा पर कोई आरोप लगता है तो उसकी जांच कराई जाती है। दोषी मिलने पर अखाड़ा से बाहर कर दिया जाता है। वहीं बेदाग छूटने पर महात्मा का सम्मान किया जाता है।
आनंद गिरि के प्रकरण में भी वही नियम अपनाया जाएगा। आरोप विदेश में लगा है इसलिए वहां मौजूद दस महामंडलेश्वर जांच करेंगे। वे 20 दिन में अपनी रिपोर्ट अखाड़ा परिषद को देंगे। अखाड़ा परिषद के कानूनी सलाहकार व निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास का कहना है कि अखाड़ा परिषद में सबके लिए नियम बराबर है। अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि निष्पक्षता, सच्चाई व समर्पण हमारी ताकत है। इसे बनाए रखने के लिए शुक्रवार को ऊपरी कोर्ट में सुनवाई होने के बाद पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
-आनंद गिरि किन-किन देशों में भ्रमण करते हैं।
-विदेशों में कहां और किसके साथ रहते हैं।
-विदेशों में उनकी क्या गतिविधियां हैं।
-उनके शिष्यों की क्या गतिविधियां हैं।
-आरोप लगाने वाली महिलाएं उनसे कब से संपर्क में हैं वह क्या करती हैं।
सिडनी के बैरिस्टरों से योगी सत्यम ने की बात
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में गिरफ्तार आनंद गिरि की मदद में योगी सत्यम भी आगे आए हैं। क्रियायोग संस्थान के संचालक योगी सत्यम अमेरिका में हैं। वह सिडनी के बड़े बैरिस्टरों से संपर्क में हैं। उनका कहना है कि सिडनी के कई वकील उनका सेमिनार कराते रहे हैं। उनसे बातचीत हुई है। कोशिश है कि जल्द सुनवाई हो।
आनंद गिरि से किसी प्रकार के विवाद के संबंध में योगी सत्यम ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। उनके जेल जाने की खबर सुनकर बहुत दु:खी हुआ। प्रार्थना कर रहा हूं कि जल्द छूटकर प्रयागराज में अध्यात्म का कार्यक्रम करें। मैंने सिडनी में रहने वाले अपने अनुयायियों से यह भी कहा है कि वह सच्चाई का पता लगाएं। जेल में आनंद गिरि से मिलने जाएं। यदि उन्हें कोई परेशानी है तो मैं सिडनी प्रशासन से बात करूंगा। योग गुरु आनंद गिरि को रविवार को सिडनी में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। दो महिलाओं ने उन पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
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