Yoga Guru Anand Giri Expulsion Case: गुरु-शिष्य के बीच अब 'सेतु' बनना चाह रहे कुछ संत, मध्यस्थता के लिए सक्रिय
Yoga Guru Anand Giri Expulsion Case निर्माेही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद के मंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास आनंद गिरि के आचरण को गुरु-शिष्य परंपरा के विरुद्ध बताते हैैं। कहते हैैं कि नरेंद्र गिरि देश के सम्मानित महात्मा हैं। वह दोनों से संपर्क कर विवाद खत्म कराएंगे।
प्रयागराज,जेएनएन। महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य योगगुरु स्वामी आनंद गिरि के बीच चल रहे विवाद का पटाक्षेप करने की पहल भी अंदरखाने शुरू हो गई है। ताजे प्रसंग से अधिकतर महात्मा व्यथित हैं। वह इसे सनातन धर्म के विरुद्ध मानते हुए इसकी समाप्ति की दिशा में सक्रिय हो चले हैं। श्री निरंजनी अखाड़ा के प्रमुख पदाधिकारियों और दोनों पक्ष से संपर्क साधा जा रहा है।
विवाद को खत्म कराने का करेंगे प्रयास - श्रीमहंत राजेंद्र दास
महंत नरेंद्र गिरि ने कुछ दिन पहले अपने शिष्य आनंद गिरि पर परिवार से संबंध रखने की शिकायत श्रीनिरंजनी अखाड़ा से की थी। अखाड़े के पंच परमेश्वर ने 14 मई को आनंद गिरि को निष्कासित कर दिया। इसके बाद नरेंद्र गिरि ने उन्हें श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर प्रबंधन से बाहर कर दिया। अपने निष्कासन के बाद आनंद गिरि ने गुरु पर मठ की जमीन बेचने, शिष्यों, गनर व सगे-संबंधियों के लिए संपत्ति बनाने का आरोप लगाया है। साथ ही खुद की जान का खतरा बताते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सीबीआइ प्रमुख, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के राज्यपाल व मुख्यमंत्रियों को ईमेल भेजकर आरोपों की जांच कराने व सुरक्षा की मांग की है। निर्माेही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद के मंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास आनंद गिरि के आचरण को गुरु-शिष्य परंपरा के विरुद्ध बताते हैैं। कहते हैैं कि नरेंद्र गिरि देश के सम्मानित महात्मा हैं, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के रूप में उनका कार्य प्रेरणादायी है। वह दोनों से संपर्क कर विवाद खत्म कराएंगे। निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने भी विवाद जल्द खत्म कराने के लिए प्रयासरत होने की जानकारी दी। बोले, शिष्य को गुरु का अनादर नहीं करना चाहिए। दिगंबर अखाड़ा के महंत रामदास ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया दी।
विवाद जल्द खत्म हो, इसके लिए पहल करूंगा- महामंडलेश्वर सरयूदास
महामंडलेश्वर सरयूदास ने कहा कि आनंद गिरि ने देश-विदेश में सनातन धर्म व योग का प्रचार-प्रसार किया है। उनके गुरु को उन्हें पहले की तरह अपनाना चाहिए। विवाद खत्म करना चाहिए। जगद्गुरु बिनैका बाबा ने पूरे प्रसंग को पूरे संत समाज व सनातन धर्म के विपरीत बताया। कहा यह जल्द खत्म हो, उसके लिए पहल कर रहा हूं।