World Heart Day 2022: आदत बदलें तभी थमेगी दिल के रोग की रफ्तार वरना खतरे में जान
World Heart Day 2022 डा. पीयूष सक्सेना का कहना है कि लोग फल और सब्जियों का सेवन काफी कम करते हैं। युवा अधिकतर नशे की ओर बढ़ रहे हैं। व्यायाम योग प्राणायाम न करने और अधिकांश समय कार्यस्थल पर बैठकर काम करने से हृदय रोग के मामले बढ़ रहे हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। हृदय रोग कभी 'बुजुर्गों की बीमारी' के रूप में जाना जाता था। अब यह युवाओं की सामान्य बीमारी है। 20 और 25 साल के तमाम युवा भी हृदय राेगी हैं। यह स्थिति बीते एक दशक में आयी है। परिस्थितियां लगातार चिंताजनक हो रही हैं और समाधान भी युवाओं के हाथ में है। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के हृदय रोग विभाग के प्रभारी प्रोफेसर डा. पीयूष सक्सेना कहते हैं कि मेहनत और सब्जियों से दूरी नहीं बनाएं तो हालात कुछ सुधर सकते हैं।
फल-सब्जी कम और नशा ज्यादा करने से बीमारी बढ़ रही
डा. पीयूष सक्सेना का कहना है कि अब लोग फल और सब्जियों का सेवन काफी कम करते हैं। युवा अधिकतर नशे की ओर बढ़ रहे हैं। धूमपान अत्यधिक होने लगा है। दैनिक व्यायाम, योग प्राणायाम न करने और अधिकांश समय अपने कार्यस्थल पर बैठकर काम करने से हृदय रोग के मामले बढ़ रहे हैं।
रोज चलें मिनट पैदल और खाएं ताजे फल हरी सब्जियां
अब बच्चे पिज्जा, बर्गर, फास्ट फूड ज्यादा पसंद कर रहे हैं। सब्जियां, अनाज, दूध, घी का सेवन कम होता जा रहा है। सप्ताह में कम से कम पांच दिन तक रोज 30 मिनट तेज चाल से पैदल चलें, मानसिक तनाव में न रहें, रेड मीट का सेवन कम कर दें तो हृदय रोग की रफ्तार को थामा जा सकता है।