Magh Mela 2022: स्नान पर्वों पर ग्रह-नक्षत्रों का बन रहा अद्भुत संयोग, डुबकी दिलाएगी देवकृपा
माघ मेला के अधिकतर स्नान पर्वों पर एक राशि में कई ग्रहों का संचरण होंगे जिसमें भक्तिभाव से ओतप्रोत होकर संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु को देवकृपा की प्राप्ति होगी। उन्हें दैहिक दैवीय व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
शरद द्विवेदी, प्रयागराज। वर्ष 2022 उम्मीद, उत्साह व उमंग लेकर आएगा। इसकी शुरुआत माघ मास अर्थात जनवरी महीने में होगी। माघ मेला के हर स्नान पर्व पर ग्रह-नक्षत्रों की अद्भुत जुगलबंदी बन रही है। ज्योतिर्विद आचार्य अविनाश राय के अनुसार मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, माघी पूर्णिमा व महाशिवरात्रि माघ मेला के प्रमुख स्नान पर्व हैं। अधिकतर स्नान पर्वों पर एक राशि में कई ग्रहों का संचरण होंगे, जिसमें भक्तिभाव से ओतप्रोत होकर संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु को देवकृपा की प्राप्ति होगी। उन्हें दैहिक, दैवीय व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि धर्म सिंधु व निर्णय सिंधु में वर्णित है कि एक राशि में तीन से अधिक ग्रहों के एकत्र होने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उक्त अवसर पर भजन-पूजन, स्नान-दान व अनुष्ठान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
स्नान पर्वों की स्थिति
-15 जनवरी मकर संक्रांति : 14 जनवरी की रात 8.01 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। स्नान-दान का पुण्यकाल 15 जनवरी को दिनभर रहेगा। पौष शुक्लपक्ष की द्वादशी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, शुक्ल/ब्रह्म नामक योग रहेगा। वृष राशि में चंद्रमा व राहु, मकर राशि में सूर्य, बुध, शनि का संचरण होगा।
-17 जनवरी पौष पूर्णिमा : पूर्णिमा तिथि 16 जनवरी की रात में 2.44 बजे आरंभ होकर 18 जनवरी की भोर 4.35 तक रहेगी। पुनर्वसु नक्षत्र के अलावा मिथुन राशि चंद्रमा मकर राशि में सूर्य, बुध व शनि का संचरण होगा।
-एक फरवरी मौनी अमावस्या : अमावस्या तिथि 31 जनवरी की दोपहर 1.23 बजे लगकर एक फरवरी को दिन में 11.25 बजे तक रहेगी। मकर राशि में सूर्य, चंद्रमा, शनि व बुध रहेगा। श्रवण नक्षत्र, सिद्धि/व्याघ्रत योग, नाग नामक करण रहेगा।
-पांच फरवरी वसंत पंचमी : चतुर्थी तिथि पांच फरवरी की सुबह 6.53 बजे तक रहेगी। फिर 6.54 बजे से पंचमी तिथि आरंभ होगी। जो छह फरवरी सुबह 6.54 बजे तक रहेगा। छह फरवरी को सूर्योदय 6.31 बजे होगा, लेकिन पुण्यकाल प्राप्त न होने के कारण वसंत पंचमी पांच फरवरी को मनाई जाएगी।
-आठ फरवरी अचला सप्तमी : सप्तमी तिथि सात फरवरी की सुबह 7.28 बजे शुरू होकर आठ फरवरी की सुबह 8.29 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के कारण आठ फरवरी को अचला सप्तमी पर्व मनाया जाएगा। भरणी नक्षत्र, शुक्ल योग, बव करण रहेगा। वहीं मकर राशि में सूर्य व शनि तथा धनु राशि मंगल, बुध व शुक्र का संचरण होगा।
-16 फरवरी माघी पूर्णिमा : पूर्णिमा तिथि 15 फरवरी की रात 9.21 बजे लगकर 16 फरवरी की रात 10.19 बजे तक रहेगी। उस दिन श्लेषा नक्षत्र, सोभन योग है। मकर राशि में बुध व शनि, कुंभ राशि में सूर्य, धनु राशि में मंगल व शुक्र संचरण करेंगे।
-एक मार्च महाशिवरात्रि : 28 फरवरी की रात 2.07 बजे चतुर्दशी तिथि आरंभ होकर एक मार्च की रात 12.25 बजे तक रहेगी। श्रवण नक्षत्र, गर करण रहेगा। कुंभ राशि में सूर्य, चंद्रमा व वृहस्पति तथा मकर राशि में मंगल, बुध, शुक्र व शनि संचरण करेंगे।