पानी बचाने की जिम्मेदारी महिलाओं पर, घर की चौखट से बाहर निकल संभालेंगी कमान Prayagraj News
जलसंरक्षण को लेकर महिला सामाख्या द्वारा नई पहल शुरू की गई है। अब पानी बचाने के लिए महिलाओं को चौखट से बाहर लाया जाएगा। तालाब की खोदाई में भी उनकी मदद ली जाएगी।
By Edited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 08:47 PM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 01:15 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। सूखे तालाबों को जीवंत करने व पानी बचाने के लिए अब महिलाएं घर की चौखट से बाहर निकलेंगी। तालाबों की सेहत सुधारने के साथ-साथ ये ग्रामीणों को जल संचय के लिए भी प्रेरित करेंगी। इसके लिए सूख चुके तालाबों पर 'महिला पानी पंचायत' गठित की जाएगी।
महिला समाख्या ने शुरू की जल संरक्षण की कवायद
शासन के निर्देशन में महिला समाख्या की ओर से इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 19 जनपदों के 200 सूखे तालाबों को संवारने के लिए महिलाओं की मदद ली जाएगी। इसके लिए बजट लघु सिंचाई विभाग की ओर से खर्च किया जाएगा लेकिन उसकी पूरी मानीटरिंग महिला पानी पंचायत के जिम्मे होगी।
जनपद के 10 तालाब चिह्नित
योजना की जिला समन्वयक रामलक्ष्मी की देखरेख में जनपद के 10 तालाबों को चिह्नित कर लिया गया है। इस पर महिला पानी पंचायत गठित करने की पहल भी शुरू हो गई है। ये तालाब उस क्षेत्र के हैं जो डार्क जोन घोषित हैं। इसमें जनपद के मऊआइमा ब्लाक के मधवातारा नारतारा व पुरखीतारा, धनुपुर ब्लाक के अरैया तालाब व स्कूल के पास स्थित तालाब, बहरिया ब्लाक के लक्ष्मनतारा, गुड़ियातारा, चरनतारा, सिकरिहा व चाका ब्लाक के ददरी तालाब को शामिल किया गया है।
9 महिलाओं की बनेगी टीम
इस पंचायत में कुल 9 महिलाओं की टीम होगी। महिला समाख्या की देखरेख में यह गठित होगी। इसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष, एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष व पांच सदस्य शामिल होंगी। सदस्यता शुल्क 11 रुपये वार्षिक होगा, इसका रिकार्ड कोषाध्यक्ष के पास होगा।
महीने के पहले सप्ताह में होगी बैठक
प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में पदाधिकारियों के साथ सभी सदस्यों की मासिक बैठक होगी। इसमें पिछले माह में किए गए कार्यो की समीक्षा एवं आगामी कार्यो की रणनीति तय होगी। बैठक कार्यवाही रजिस्टर, सदस्यता रजिस्टर व पंचायत की सील-मुहर भी इन्हीं के पास होगी। तालाब के किनारे लगे पेड़ों का रखरखाव, कब्जा करने व कूड़ा फेंकने से रोकना आदि काम भी यह करेंगी। ताकि महिलाओं को मिले रोजगार 80 फीसद पानी का उपयोग महिलाएं ही करती हैं इसलिए इस काम में महिलाओं को शामिल किया गया है।
इन्हीं तालाबों के जरिए महिलाएं स्वावलंबी बन सकेंगी
प्रमुख उद्देश्य यह है कि इन्हीं तालाबों के जरिए महिलाएं स्वावलंबी बन सकें। जब तालाबों का जीर्णोद्धार हो जाएगा और उसमें पानी भर जाएगा तो ये तालाब इन्हीं महिलाओं को हैंडओवर कर दिए जाएंगे। वह मत्स्य पालन, कुम्हारी कला, सिंघाड़े का पैदावार करने जैसे कार्यो को करके अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकती हैं।
बोले महिला समाख्या के जिला समन्वयक
महिला समाख्या के जिला समन्वयक पंकज सिंह कहत हैं कि महिला पानी पंचायत के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शीघ्र ही इसके जीर्णोद्धार के लिए कार्य शुरू होगा। ,
महिला समाख्या ने शुरू की जल संरक्षण की कवायद
शासन के निर्देशन में महिला समाख्या की ओर से इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 19 जनपदों के 200 सूखे तालाबों को संवारने के लिए महिलाओं की मदद ली जाएगी। इसके लिए बजट लघु सिंचाई विभाग की ओर से खर्च किया जाएगा लेकिन उसकी पूरी मानीटरिंग महिला पानी पंचायत के जिम्मे होगी।
जनपद के 10 तालाब चिह्नित
योजना की जिला समन्वयक रामलक्ष्मी की देखरेख में जनपद के 10 तालाबों को चिह्नित कर लिया गया है। इस पर महिला पानी पंचायत गठित करने की पहल भी शुरू हो गई है। ये तालाब उस क्षेत्र के हैं जो डार्क जोन घोषित हैं। इसमें जनपद के मऊआइमा ब्लाक के मधवातारा नारतारा व पुरखीतारा, धनुपुर ब्लाक के अरैया तालाब व स्कूल के पास स्थित तालाब, बहरिया ब्लाक के लक्ष्मनतारा, गुड़ियातारा, चरनतारा, सिकरिहा व चाका ब्लाक के ददरी तालाब को शामिल किया गया है।
9 महिलाओं की बनेगी टीम
इस पंचायत में कुल 9 महिलाओं की टीम होगी। महिला समाख्या की देखरेख में यह गठित होगी। इसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष, एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष व पांच सदस्य शामिल होंगी। सदस्यता शुल्क 11 रुपये वार्षिक होगा, इसका रिकार्ड कोषाध्यक्ष के पास होगा।
महीने के पहले सप्ताह में होगी बैठक
प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में पदाधिकारियों के साथ सभी सदस्यों की मासिक बैठक होगी। इसमें पिछले माह में किए गए कार्यो की समीक्षा एवं आगामी कार्यो की रणनीति तय होगी। बैठक कार्यवाही रजिस्टर, सदस्यता रजिस्टर व पंचायत की सील-मुहर भी इन्हीं के पास होगी। तालाब के किनारे लगे पेड़ों का रखरखाव, कब्जा करने व कूड़ा फेंकने से रोकना आदि काम भी यह करेंगी। ताकि महिलाओं को मिले रोजगार 80 फीसद पानी का उपयोग महिलाएं ही करती हैं इसलिए इस काम में महिलाओं को शामिल किया गया है।
इन्हीं तालाबों के जरिए महिलाएं स्वावलंबी बन सकेंगी
प्रमुख उद्देश्य यह है कि इन्हीं तालाबों के जरिए महिलाएं स्वावलंबी बन सकें। जब तालाबों का जीर्णोद्धार हो जाएगा और उसमें पानी भर जाएगा तो ये तालाब इन्हीं महिलाओं को हैंडओवर कर दिए जाएंगे। वह मत्स्य पालन, कुम्हारी कला, सिंघाड़े का पैदावार करने जैसे कार्यो को करके अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकती हैं।
बोले महिला समाख्या के जिला समन्वयक
महिला समाख्या के जिला समन्वयक पंकज सिंह कहत हैं कि महिला पानी पंचायत के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शीघ्र ही इसके जीर्णोद्धार के लिए कार्य शुरू होगा। ,
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