Move to Jagran APP

अनोखी पहल : नैनी जेल की महिला बंदियों की जिंदगी में आएगा नया सवेरा

समाजसेवी डॉ. वर्तिका की कोशिश से नैनी सेंट्रल जेल में महिला बंदियों के लिए अनोखी पहल शुरू होगी। ऐसे कार्यक्रम होंगे जिससे अवसाद ग्रस्त महिलाओं के चेहरे पर खुशी आएगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 11:04 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 11:04 AM (IST)
अनोखी पहल : नैनी जेल की महिला बंदियों की जिंदगी में आएगा नया सवेरा
अनोखी पहल : नैनी जेल की महिला बंदियों की जिंदगी में आएगा नया सवेरा

प्रयागराज, जेएनएन। केंद्रीय कारागार नैनी में महिला बंदियों, कैदियों को सुधारने, अवसाद से बचाने और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए नई पहल शुरू हो रही है। इसके तहत महिलाओं की जिंदगी में खुशहाली लाने के लिए इंडोर गेम आयोजित किए जाएंगे। जेलों पर शोध करने वाली डॉ. वर्तिका नंदा की पहल पर जेल प्रशासन महिला बंदियों के लिए शतरंज, बैडमिंटन, कैरम, खो-खो आदि खेल शुरू कराने जा रहा है। इससे महिला बंदियों और उनके बच्चों को घर जैसा एहसास होगा और वह सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेकर अपराध के ख्याल से दूर रहेंगे। 

loksabha election banner

डॉ. वर्तिका ने बंदियों का दर्द महसूस किया 

यह शुरुआत तिनका-तिनका की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा की पहल पर हो रही है। देश की अलग-अलग जेलों का भ्रमण कर डॉ. वर्तिका ने बंदियों का दर्द महसूस किया। नैनी जेल के बंदियों पर शोध कर उन्होंने महसूस किया कि महिलाएं और उनके बच्चे डिप्रेशन में रहते हैं। ऐसे में वह बीमार हो रहे हैं। उन्हें नई जिंदगी खेलों के माध्यम से ही दी जा सकती है। उन्होंने डीआइजी जेल वीआर वर्मा और जेल अधीक्षक एचबी सिंह से मुलाकात की। इसके बाद जेल प्रशासन ने इसका खाका तैयार किया। 

कहा, जेल में खेलों के आयोजन का उद्देश्य महिलाओं की चिंता दूर करना है

जेल अधीक्षक ने डॉ. वर्तिका की रिपोर्ट की जानकारी आला अफसरों को देकर महिला बंदियों के लिए जेल में खेल का इंतजाम करने की अनुमति ली। डॉ. वर्तिका का मानना है कि जेल में खेलों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की चिंता दूर करना है। जेलों में ज्यादातर महिलाएं दहेज उत्पीडऩ के मामलों में बंद हैं। उम्र अधिक होने की वजह से वह अवसाद ग्रस्त हो रही हैं। समाज के प्रति उनकी सोच भी नकारात्मक होती जा रही है। इस पहल से उनकी सोच बदलेगी और उनमें जिंदगी जीने की चाह पैदा होगी। यह पहल विदेशों के जेलों में भी लागू हो रही है। 

बोलीं डॉ. वर्तिका नंदा

डॉ. वर्तिका नंदा कहती हैं कि मैं देश की हर जेल में महिलाओं और बच्चों को वो सब दिलाना चाहती हूं, जिस पर आज तक कभी सोचा नहीं गया। नैनी जेल की यात्रा उसी का एक हिस्सा है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.