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प्रयागराज में कुंभ 2019 में पीएम मोदी के हाथों सम्मानित स्वच्छाग्रही अब बेरोजगार, परिवार बदहाल

Prayagraj Kumbh-2019 प्रयागराज कुंभ- 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महिला स्वच्छाग्रही शीतल को प्रमाणपत्र और थाली देकर सम्मानित किया था उसे नौकरी से निकाल दिया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 04:43 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 04:43 PM (IST)
प्रयागराज में कुंभ 2019 में पीएम मोदी के हाथों सम्मानित स्वच्छाग्रही अब बेरोजगार, परिवार बदहाल
प्रयागराज में कुंभ 2019 में पीएम मोदी के हाथों सम्मानित स्वच्छाग्रही अब बेरोजगार, परिवार बदहाल

प्रयागराज [रवि उपाध्याय]। शानदार आयोजन के लिए विश्व भर में सराहना बटोरने वाले प्रयागराज कुंभ- 2019 की पीएम नरेंद्र मोदी ने भी काफी सराहना की थी। यहां पर सफाई व्यवस्था को लेकर तो वह इतना अभिभूत थे कि यहां सफाई में लगे कर्मियों को सम्मानित भी किया था। अब इन्ही सम्मानित में से एक को मेला प्राधिकरण प्रशासन ने नौकरी से निकाल दिया है। उसके साथ उसका परिवार भी मेला प्राधिकरण प्रशासन की इस कार्रवाई से बदहाल है और वह भुखमरी की कगार पर है।

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प्रयागराज कुंभ- 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शीतल नामक जिस महिला स्वच्छाग्रही (कुंभ के दौरान सफाई कर्मियों के लिए प्रयुक्त विश्लेषण) को प्रमाणपत्र और थाली देकर सम्मानित किया था, उसे मेला प्राधिकरण प्रशासन ने नौकरी से निकाल दिया है। इतना ही नहीं उसके पति सहजीत को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस प्रकरण में संबंधित अधिकारी का कहना है कि उसे हटाया नहीं गया है, वह आ ही नहीं रही है जबकि शीतल का आरोप है कि प्राधिकरण के कुछ अफसर पुराने सफाई कॢमयों को निकाल कर अपने लोगों को रख रहे हैं। उससे काम नहीं लिया जा रहा है।

शीतल ने दैनिक जागरण को बताया कि कुंभ मेला खत्म होने के बाद ही उसे काम से हटा दिया गया था। वह करीब 10-15 दिनों तक खाली बैठी थी। इसके बाद तत्कालीन कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के हस्तक्षेप से उसे दोबारा काम पर रखा गया। शीतल का आरोप है कि पीएम मोदी के हाथों सम्मान मिलने के बाद से मेला स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डॉ. पीके त्यागी, सफाई निरीक्षक विनोद कुमार और कुछ अन्य लोग उससे दुर्भावना रखने लगे। उससे कठिन काम लिए जाने लगे। उसके पति सहजीत को भी परेशान किया जाने लगा। सहजीत बतौर मेठ काम करता था। काम छिन जाने से परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दावा तो यह है कि सिर्फ शीतल ही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी के हाथों सम्मनित कुछ अन्य स्वच्छाग्रहियों को भी काम से हटाया गया है। बकौल शीतल, तमाम दिक्कतों के बावजूद हम अपने तीन बच्चों को पालने के लिए काम करते रहे, लेकिन हमें फिर निकाल दिया गया।

शीतल कहती है कि मार्च की शुरुआत में उसके रिश्तेदार की मौत हो गई, इसलिए उसे अचानक जाना पड़ा। जब वह 15 दिन बाद लौट कर आई तो उसे काम पर नहीं रखा गया। पति को भी हटा दिया गया। शीतल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने सम्मानित किया था, तब खुशी हुई थी पर अब खाने के भी लाले पड़ गए हैं।

पीएम-सीएम को चिट्ठी लिखी

शीतल ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री समेत प्रशासन के अफसरों को पत्र लिख रोजगार देने की गुहार लगाई है। उसने कहा है कि 2018 में उसकी नियुक्ति कुंभ मेले के लिए की गई थी। उसने पूरी निष्ठा से काम किया। उसके काम को देखते हुए उसका नाम 25 फरवरी 2019 को पीएम के हाथों सम्मानित होने वाले 10 सफाई कर्मियों की सूची में शामिल किया गया। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने भी आश्वस्त किया था कि नौकरी नहीं जाएगी, लेकिन अब अफसर सुन नहीं रहे हैं।

बिना बताए छुट्टी ली

स्वास्थ्य प्रभारी, डॉ. पीके त्यागी ने कहा कि शीतल को काम से नहीं निकाला गया है। वह काम ही नहीं करना चाहती है। उसने बिना बताए छुट्टी ली और तीन महीने बाद काम पर लौटी। उसके ऐसे व्यवहार से दूसरे कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ता है।

मेरी जानकारी में मामला नहीं

मेला अधिकारी, प्रयागराज, रजनीश मिश्रा ने कहा कि मेरी जानकारी में यह मामला नहीं है। शीतल मेरे पास शिकायत लेकर आती तो जरूर उसकी मदद की जाती। 


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