अबकी 2013 कुंभ जैसा नहीं होगा हादसा : राज्यपाल
राज्यपाल राम नाईक त्रिवेणी बांध पर स्थित शंकर विमानमंडपम् मंदिर में कुंभाभिषेकम् महोत्सव के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
प्रयागराज : प्रयाग में 2013 के कुंभ मेला के दौरान इलाहाबाद जंक्शन पर हुई भगदड़ से कई की जान चली गई थी। बेहतर प्रबंध होता तो ऐसी स्थिति न आती। इस बार ऐसा नहीं होगा। मौजूदा केंद्र व प्रदेश सरकार के प्रयास से बेहतर प्रबंध हो रहे हैं। यह बातें राज्यपाल राम नाईक ने कही। वह त्रिवेणी बांध पर स्थित शंकर विमानमंडपम् मंदिर में कुंभाभिषेकम् महोत्सव के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नदियों के तट पर भारतीय संस्कृति प्रवाहमान है। यही कारण है कि हमारे पूर्वजों ने देश के चार कोनों पर कुंभ का आयोजन किया। इस बार प्रयाग में 170 देशों से हर जाति-धर्म के लोग आएंगे। बोले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली, ठीक उसी तरह कुंभ को यूनेस्को ने अनूठा आयोजन माना है।
राज्यपाल ने कहा कि चार साल तीन महीने के राज्यपाल के अपने कार्यकाल में उन्होंने सबसे अच्छा काम इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने का सुझाव देकर किया है। गुरुवार को सर्वप्रथम राज्यपाल ने शंकर विमानमंडपम् में पूजन किया, फिर मंत्रोच्चार के बीच यज्ञकुंड में आहुतियां डाली। अध्यक्षता बीएचयू के चांसलर न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने की। संचालन डॉ. अविनाश श्रीवास्तव व संयोजन राकेश शुक्ल ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के मंत्री नंदगोपाल गुप्त 'नंदी', सांसद श्यामाचरण गुप्त, विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी, रमणी शास्त्री, सुंदरमूर्ति, सीआर गायत्री, बीएस सुब्रमण्यम मणि, सीआर राजेंद्रन, डॉ. शांति चौधरी, डॉ. श्लेष गौतम, मधु चकहा आदि मौजूद रहे। शंकराचार्य ने की कॉल पर बात :
तमिलनाडु के कांचिपुरम् स्थित आश्रम से शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने वोडियो कॉलिंग के जरिए राज्यपाल राम नाईक से बात की। शंकराचार्य ने वहीं से मंत्रोच्चार के बीच यज्ञकुंड में आहुतियां भी डलवाईं। अगली बार ऊपरी तल पर जाऊंगा :
शंकर विमानमंडपम् मंदिर की तारीफ करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कुंभ में देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए यह कौतूहल का केंद्र रहेगा। उन्होंने आयोजकों से अगली बार मंदिर के सबसे ऊपरी तल में ले जाने की गुजारिश की। दक्षिण भारत के लोगों का जमघट :
कुंभाभिषेकम् महोत्सव में शामिल होने के लिए दक्षिण भारत से सैकड़ों श्रद्धालु आए हैं। पुरोहित भी वहीं से आए हैं। वैदिक मंत्रोच्चार के अलावा शहनाई व ढोलक की थाप से भक्ति पूर्ण माहौल है। श्रद्धालुओं को दक्षिण भारत का भोजन परोसने के लिए केले के पत्ते एवं वहां के भोजन का विशेष प्रबंध है।