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आयकर के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, TDS के दायरे में थोक सप्लायर भी आएंगे Prayagraj News

जी हां आयकर के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। वह यह कि नए वित्‍तीय वर्ष से थोक सप्‍लायर भी टीडीएस के दायरे में आएंगे। उन्‍हें टीडीएस रिटर्न भी फाइल करना होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 06:36 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 07:38 AM (IST)
आयकर के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, TDS के दायरे में थोक सप्लायर भी आएंगे Prayagraj News
आयकर के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, TDS के दायरे में थोक सप्लायर भी आएंगे Prayagraj News

प्रयागराज, [राजकुमार श्रीवास्तव]। एजेंसी का संचालन करने वाले, थोक सप्लायर और भंडारण करके माल बेचने वाले व्यापारी भी अब टीडीएस के दायरे में आएंगे। नए वित्तीय वर्ष से ऐसे कारोबारियों को टीडीएस रिटर्न फाइल करना होगा। हालांकि, टीडीएस अग्रिम कर की तरह है, जिसका समायोजन रिफंड के रूप में खरीदार यानी क्रेता रिटर्न फाइल करके ले सकेगा।

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आयकर के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है

आयकर के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि सरकार ने अपनी आमदनी बढ़ाने, फर्जी बिलिंग रोकने और बैंकों से लोन लेने के लिए अपने खातों में खरीद-बिक्री को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने वालों पर नकेल कसने की तैयारी की है। इसके लिए आयकर अधिनियम की धारा 206 में संशोधन भी किया गया है। नई व्यवस्था में ऐसी कंपनियां जो मौजूदा वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्न ओवर की हैं, उन्हें अपने टैन नंबर पर टीडीएस संग्रह करना पड़ेगा। यह टीडीएस संग्रह ऐसे खरीदार से किया जाएगा जो 50 लाख अथवा उससे ज्यादा कीमत का सामान साल भर में खरीदते हैं।

पैन अथवा आधार न होने पर एक फीसद टीडीएस होगा

यह भी व्यवस्था की गई है कि माल खरीदने वाले व्यापारी अथवा क्रेता यदि अपना पैन अथवा आधार नंबर देते हैं तो 0.1 फीसद टीडीएस का भुगतान बेचने वाले यानी विक्रेता को करना पड़ेगा। ऐसा इसलिए कि विक्रेता अगले महीने के पहले सप्ताह में ऑनलाइन टीडीएस रिटर्न जमा करके इसकी सूचना आयकर विभाग को दे दे। वहीं, पैन अथवा आधार न होने पर एक फीसद टीडीएस होगा। विक्रेता को टीडीएस रिटर्न हर तीसरे महीने फाइल करना पड़ेगा।

सरकारों से संबंधित खरीद-बिक्री पर नहीं लागू होगी यह धारा  

केंद्र अथवा प्रदेश सरकारों से संबंधित खरीद-बिक्री के मामले में धारा 206 लागू नहीं होगी। केंद्र सरकार किसी भी व्यक्ति विशेष को टीडीएस के दायरे से मुक्त भी कर सकती है।

बोले डॉ. पवन जायसवाल

वित्त मंत्रालय के प्रत्यक्षकर मूल्यांकन सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल का कहना है कि गुड्स कैङ्क्षरग एंड फारवर्डिंग एजेंसी और ऐसे बड़े व्यापारी भी टीडीएस के दायरे में होंगे जो माल की खरीद किसी एक विक्रेता से सालभर करते हैं।


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