आखिर कब कमिश्नर का आदेश मानेंगे अफसर
जिले के एक भी ब्लॉक में बीडीओ रात में निवास नहीं करते। कुछ तो छोड़ दें तो ज्यादातर एसडीएम भी रात में नहीं रुकते, जबकि कमिश्नर का आदेश है कि रात्रि निवास अफसर करें।
जासं, इलाहाबाद : जिले की तहसीलों और ब्लॉकों में तैनात अफसर अपने सुख की खातिर कमिश्नर का आदेश नहीं मान रहे हैं। वे शहर का मोह छोड़कर तहसील या ब्लॉक मुख्यालयों में जाने को तैयार ही नहीं हैं। इसका परिणाम जनता भुगत रही है। दैनिक जागरण ने अभियान चलाकर इस सच्चाई और जनता की पीड़ा को उजागर किया। कुछ अफसरों में चेतना भी आई, मगर हालात अभी संतोषजनक नहीं हैं।
ज्यादातर तहसीलों में एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी रात्रि निवास नहीं करते हैं। फूलपुर, हंडिया, मेजा, कोरांव व करछना के एसडीएम कभी कभार यहां रात में रुकते हैं तो बारा, सोरांव में न तो एसडीएम रुकते हैं और न ही तहसीलदार। यही हाल जिले के अधिकांश ब्लॉकों का भी है। अफसरों के आवास में कहीं कबाड़ भरा है तो कहीं दारोगा कब्जा किए हैं। जल निगम, सिंचाई और विद्युत विभाग के अफसरों का भी यही हाल है। अफसर जब यहां नहीं बैठते तो वे ग्रामीणों की समस्याओं की न तो जानकारी रखते हैं। न ही उनकी समस्याएं सुन पाते हैं। इस वजह से गांवों में बिजली, पानी समेत अनेक संकट बरकरार हैं। अगर यह अधिकारी यहां बैठने लगें तो शायद गांवों के हालात भी बेहतर हो जाएं। कोट
तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों पर जिम्मेदार अधिकारियों को रात्रि निवास करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। इस बार बैठक में इसकी रिपोर्ट डीएम से ली जाएगी। जो अफसर मुख्यालयों पर रात में नहीं रुकते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शासन से की जाएगी।
डॉ. आशीष कुमार गोयल
कमिश्नर तहसीलों पर रात्रि निवास करने के लिए एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है। ब्लॉक मुख्यालयों पर बीडीओ व एडीओ के रात्रि निवास के लिए सीडीओ को निर्देश दिए गए हैं। जिन अफसरों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
सुहास एलवाई, डीएम