Coronavirus Lockdown : कोई भूखा नहीं सोएगा, जब हम ठान लेंगे, हमारी गली-हमारे जिम्मे Prayagraj News
पूरे मुहल्ले की छोडि़ए सिर्फ अपनी गली की जिम्मेदारी लीजिए। ऐसा करेंगे तो कोई आपकी गली आपके मुहल्ले आपके शहर आपके गांव में भूखा नहीं सोएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। 'परेशानियों से भागना आसान होता है, हर मुश्किल जिंदगी में एक इम्तिहान होता है।। कोरोना महामारी से जंग में इंसानी जिंदगी की फतह तभी होगी, जब हम खुद के परिवार के साथ दूसरों का भी ख्याल रखेंगे। ये मानव धर्म निभाने का वक्त है। खुद की जरूरतों को कम करके असहाय लोगों की मदद करने का समय है। वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा को जीवन में उतारने का वक्त है। पूरा देश लॉकडाउन होने के बाद राज्यों की सीमाएं सील हैं। बाहर निकलने पर पाबंदी है। काम-धंधे ठप हैं। ऐसे में कई परिवारों की रसोई के चूल्हे बुझने लगे हैं। दाल-रोटी की कमी से किसी की जिंदगी न बुझे, इसके लिए उन्हें अपना अतिथि मानकर हमें अपनी रसोई का छोटा सा हिस्सा बांटना चाहिए। वैसे भी 'अतिथि देवो भवÓ भारतीय संस्कृति में है। पूरे मुहल्ले की छोडि़ए, सिर्फ अपनी गली की जिम्मेदारी लीजिए। ऐसा करेंगे तो कोई आपकी गली, आपके मुहल्ले, आपके शहर, आपके गांव में भूखा नहीं सोएगा। आप अपनी गली से भी बाहर नहीं निकलेंगे और कोरोना से जंग जीत लेंगे। यह तभी संभव होगा, जब इन पंक्तियों को जीवन में साध लेंगे। तो आइए देर किस बात की। --फलक को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बनाने की।।
इच्छा शक्ति जगाइए, ऐसे होगा सब संभव
(1) आप सिर्फ अपनी गली में हर घर की सूची तैयार कीजिए। कितने साधन-संपन्न लोग हैं और कितने जरूरतमंद। उदाहरण के तौर पर अगर गली में 20 घर हैं। इनमें 5 परिवारों को खाने का संकट है तो 15 परिवारों को सामूहिक जिम्मेदारी उठानी होगी। एक वक्त का खाना एक परिवार वहन करेगा तो जरूरतमंद परिवार को तीन वक्त का खाना मिल जाएगा। उसे खाने-पीने के सामान के लिए बाजार में नहीं भटकना पड़ेगा।
(2) अगर अपनी गली के जरूरतमंद परिवारों को रोजाना खाना पहुंचाना संभव नहीं है तो एक गली के बाशिंदे उनके लिए अपनी रसोई से थोड़ा-थोड़ा राशन निकालें। इनमें आटा, दाल, चावल, चीनी, चायपत्ती जैसी जरूरत की चीजें होनी चाहिए। गली के जरूरतमंद लोगों के हिसाब से उनकी एक किट बनाकर पहुंचा दीजिए। किट में इतना राशन होना चाहिए कि अमुक परिवार का एक माह का गुजारा चल जाए।
(3) खाना बनाकर देने या राशन देने की योजना भी सिरे न चढ़े तो आप अपनी गली के जरूरतमंद परिवारों की सूची तैयार करें। इस सूची को जिला प्रशासन, रेडक्रॉस सोसाइटी या फिर समाजसेवी संस्थाओं तक पहुंचा दीजिए। ऐसा करके भी आप महामारी के खिलाफ जंग में अपनी आहुति डाल सकते हैं। शासन-प्रशासन की योजनाओं का लाभ दिलाने में भी उनकी मदद कर सकते हैं।
हमें बताइए अपना अनुभव, ताकि हम लोगों को बताएं
'हमारी गली-हमारे जिम्मे महायज्ञ में शामिल होने वाले अपने अनुभव हमसे शेयर कीजिए। आपके अनुभवों को हम अखबार के जरिए अपने पाठकों तक पहुंचाएंगे ताकि आपसे प्रेरित होकर बाकी लोग भी अपना योगदान दे सकें। उद्देश्य सिर्फ यह कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति बिना भोजन के भूखे पेट सोने को विवश न हो।
संपर्क नंबर--8868051730
जागरण हेल्पलाइन नंबर
लॉकडाउन के दौरान अगर आपको कोई समस्या होती है, सुझाव देना है या कोई दुकानदार अधिक कीमत वसूल रहा है तो आप की पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 112 के अलावा जागरण हेल्पलाइन नंबर -0532-2255100 पर फोन कर सकते हैं। इस नंबर पर दोपहर 12 बजे से एक बजे तक अपनी समस्या नोट करवा सकते हैं।