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Father’s Day 2021: ओल्ड एज होम में केक काटकर बजी तालियां तो छलक आई अपनों से तिरस्कृत बुजुर्गों की आंखें

आधारशिला वृद्ध आश्रम मेंं भी रविवार को फादर्स डे मनाया गया। उपस्थित पिता तुल्य लगभग 60 वृद्धजनों ने केक काटकर आपस में एक दूसरे को खिलाकर खुशियां साझा कीं लेकिन इस दौरान उनकी आंखों की नमी बयां कर रही थी कि उन्हें खुशी से ज्यादा तकलीफ हो रही है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 09:40 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 09:40 PM (IST)
Father’s Day 2021: ओल्ड एज होम में केक काटकर बजी तालियां तो छलक आई अपनों से तिरस्कृत बुजुर्गों की आंखें
आधारशिला वृद्ध आश्रम मेंं भी फादर्स डे मनाया गया। 60 वृद्धजनों ने केक काटकर खुशियां साझा कीं

प्रयागराज, जेएनएन। फादर्स डे पर रविवार को घरों में बच्चों और युवाओं ने अपने पिता के सम्मान में केक काटने के साथ ही गिफ्ट देकर उनके योगदान के लिए आभार जताया। इसी दौरान अलग अलग ओल्ड एज होम में भी केक काटकर बुजुर्गों के जीवन में खुशी के पल लाने का प्रयास किया गया। नैनी स्थित आधार शिला वृद्ध आश्रम में भी बुजुर्गों ने केक काटकर खुशियां बांटी, हालांकि इस दौरान अपनों द्वारा तिरस्कृत इन बुजुर्गों के चेहरे पर गम था तो आंखें भी नम थीं।

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सहारा की बजाय बेगानापन झेल रहे बुढ़ापे में

आधारशिला वृद्ध आश्रम  मेंं भी रविवार को फादर्स डे मनाया गया। उपस्थित पिता तुल्य लगभग 60 वृद्धजनों ने केक काटकर आपस में एक दूसरे को खिलाकर खुशियां साझा कीं, लेकिन इस दौरान उनकी आंखों की नमी बयां कर रही थी कि उन्हें इस मौके पर खुशी से ज्यादा तकलीफ हो रही है। वृद्ध माताओं ने भी सभी को पितृ दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कार्यक्रम में सभी बुजुर्ग महिलाओं-पुरुषों ने कीर्तन भजन कर आनंद उठाया। इस अवसर पर भंडार प्रभारी विमल गिरी, राहुल मिश्रा. आभा श्रीवास्तव, शिवम, अभिषेक आदि उपस्थित रहे। आश्रम के प्रबंधक सुशील श्रीवास्तव ने कहा कि आज का दिन पुत्रों द्वारा पिता को सम्मानित करने का होता है। समय की विडंबना कहें या बदलते संस्कारों का नतीजा, जीवन भर जीवन संघर्ष और परिश्रम कर अपने बच्चों को सक्षम तथा योग्य बनाने वाले तमाम पिता को बुढ़ापे में सहारा की बजाय तिरस्कार झेलने को मिलता है। बुजुर्ग उम्मीद करते है कि बेटे उनके बुढ़ापे की लाठी बनेंगे लेकिन आलम यह है कि बड़ी संख्या में बुजुर्गों को ओल्ड एज होम में जीवन के आखिरी दिन गुजारने पड़ रहे हैं।


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