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प्रयागराज में सूखी पड़ी हैैं नहरें, पिछड़ रही गेहूं की बोआई

सबसे ज्यादा दिक्कत गंगापार के लालगोपालगंज इलाके में है। पानी न छोड़े जाने से क्षेत्र के किसानों के सामने रबी की फसलों की जुताई बोआई और खेतों का पलेवा करने के समय नहरें सूखी पड़ी हैं। पानी न छोड़े जाने से किसानों के सिर पर संकट के बादल मंडरा रहे।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 03:17 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 03:17 PM (IST)
प्रयागराज में सूखी पड़ी हैैं नहरें, पिछड़ रही गेहूं की बोआई
बोआई के ठीक समय पर पानी न छोड़े जाने से नहरों में धूल उड़ रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। जिले के गंगापार और यमुनापार इलाके में कई नहरें सूखी पड़ी हैैं। इन नहरों में धूल उड़ रही है। इसके कारण किसान गेहूं की बोआई नहीं कर पा रहे हैैं। हजारों एकड़ खेत में अभी गेहूं की बोआई नहीं हो सकी है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

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नहरों में पानी न छोड़े जाने से किसान परेशान

सबसे ज्यादा दिक्कत गंगापार के लालगोपालगंज इलाके में है। पानी न छोड़े जाने से क्षेत्र के किसानों के सामने रबी की फसलों की जुताई बोआई और खेतों का पलेवा करने के समय नहरें सूखी पड़ी हैं। पानी न छोड़े जाने से क्षेत्र के किसानों के सिर पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पानी की समुचित व्यवस्था न होने से खेती पिछडऩे की अब काश्तकारों को चिंता सताने लगी है। प्रतापगढ़ जनपद की शारदा सहायक नहर से निकलने वाली बद्री रजबहा, नरसिंहपुर माइनर और अंधियारी अल्पिका नहरों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है। रबी फसल की जुताई बोआई के ठीक समय पानी न छोड़े जाने से नहरों में धूल उड़ रही है। पांडेय का पुरवा गांव निवासी रमापति त्रिपाठी ने दुखी मन से बताया कि जरूरत के समय नहरों में पानी न होने से खेतों का पलेवा और जुताई बोआई का काम पूरी तरह से प्रभावित है। जिस समय पानी की आवश्यकता नहीं होती उस समय नहरों में पूरी रफ्तार से पानी छोड़ दिया जाता है जिससे जलमग्न होने के साथ खड़ी फसलें बर्बाद हो जाती हैं। क्षेत्र की नरसिंहपुर माइनर और बद्री रजबहा में काफी दिनों से पानी नहीं छोड़ा गया है।

इंजन और टयूबवेल का ही सहारा

काश्तकारी में खर्च बर्दाश्त करने वाले किसान इंजन और ट्यूबवेल जैसे निजी स्रोतों के सहारे अपने खेतों का पलेवा कर जोताई बोआई का कार्य शुरू कर दिया है। गरीब किसान अभी भी नहरों में पानी छोड़े जाने की आस लगाए बैठा है। खेती किसानी से परिवार की जीविका चलाने वाले किसानों खेती के पिछडऩे की अब चिंता सताने लगी है। क्षेत्र के उमा शंकर पांडेय, मोतीलाल पांडेय, कमलेश कुमार तिवारी, धर्मेंद्र कुमार पांडेय, रामबरन पटेल, दिनेश पाठक, लालचंद तिवारी, आशु तिवारी, रामजी यादव, अंकुर पांडेय आदि किसानों ने नहर में पानी छोड़े जाने की मांग उठाई है।


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