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Wheat Procurement in UP: गेहूं खरीद का आज आखिरी दिन है, अनेकों किसानाें का नहीं खरीदा जा सका गेहूं

Wheat Procurement in UP सरकारी रिकार्ड में 1 अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू हो गई थी लेकिन धरातल पर यह खरीद 15 मई के बाद शुरू हुई। चुनाव और कोरोना के चलते पूरा अप्रैल और आधा मई तक गेहूं खरीद प्रभावित रही।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 01:47 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 01:47 PM (IST)
Wheat Procurement in UP: गेहूं खरीद का आज आखिरी दिन है, अनेकों किसानाें का नहीं खरीदा जा सका गेहूं
गेहूं खरीद का आज आखिरी दिन है फिर भी बाजार भाव नहीं बढ़ाया गया। कई किसानों का गेहूं नहीं बिका।

प्रयागराज, जेएनएन। गेहूं की सरकारी खरीद 15 जून तक होनी थी उसका समय आज पूरा हो रहा है। अभी भी तमाम किसानों के गेहूं नहीं खरीदी गए हैं। आखरी दिन तक कई किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर लाइन लगाए खड़े हैं। इस बार सरकारी केंद्रों पर गेहूं की कम खरीद होने के चलते बाजार में इसका दाम नहीं बढ़ा। इससे किसान परेशान रहे। सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं का दाम 1975 कुंतल है तो बाजार में 15-16 सौ रुपये कुन्तल खरीदा जा रहा है।

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सरकारी रिकार्ड से इतर 15 मई के बाद शुरू हुई थी गेहूं खरीद

सरकारी रिकार्ड में 1 अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू हो गई थी लेकिन धरातल पर यह खरीद 15 मई के बाद शुरू हुई। चुनाव और कोरोना के चलते पूरा अप्रैल और आधा मई तक गेहूं खरीद प्रभावित रही। कहीं किसान नहीं गए तो कहीं सेंटर बंद रहा पूरा। अप्रैल तो बिलकुल खरीद ही नहीं हुई। इस दौरान कई किसानों को मजबूरी में अपना गेहूं व्यापारियों को 15 सौ कुंतल बेचना पड़ा।

खरीद केंद्रों के प्रभारियों की मनमारी

चुनाव खत्म होने के बाद खरीद केंद्रों पर प्रभारियों की मनमानी से बहुत कम किसानों को खरीदा गया। सरकारी अफसरों की लापरवाही के चलते बिचौलियों का गेहूं खरीद कर सरकारी रिकार्ड पूरा कर लिया गया है। कोरोना के चलते गेहूं खरीद प्रभावित होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने खरीद के समय में कोई बढ़ोतरी नहीं की और 15 जून को खरीद बंद करने की तैयारी कर दी है।

प्रयागराज में 65 हजार कुंतल गेहूं की हुई खरीद

प्रयागराज जिले में अब तक करीब 65000 कुंटल गेहूं की खरीद हुई है, जो पिछले साल के लक्ष्य से भी काफी कम है। किसानों ने बताया कि सरकारी केंद्रों पर खरीद कम होने के चलते हैं फुटकर बाजार में गेहूं का दाम नहीं बढ़ा और व्यापारी मनमानी कर रहे हैं। वह 15 से 16 सौ रुपए कुंतल ही गेहूं खरीद रहे हैं। डीजल, बिजली, खाद और पेस्टिसाइड की महंगाई के बावजूद किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है।


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