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गेहूं व दलहन की कीमतों में तेजी से वृद्धि, दाल-रोटी और हुई महंगी

दीपावली के बाद गेहूं और दलहन की कीमतें बढ़ गई है। इससे महंगाई की मार सह रहे लोगों की दाल-रोटी महंगी हो गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 03:56 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 03:56 PM (IST)
गेहूं व दलहन की कीमतों में तेजी से वृद्धि, दाल-रोटी और हुई महंगी
गेहूं व दलहन की कीमतों में तेजी से वृद्धि, दाल-रोटी और हुई महंगी

प्रयागराज : महंगाई की मार झेल रहे शहरियों के लिए दाल-रोटी अब और महंगी हो गई है। दीपावली के बाद गेहूं और दलहन का दाम तेजी से बढऩे से रसोई का बजट भी डगमगाने लगा है। हालांकि, हरी सब्जियों की कीमतें नियंत्रित होने से महिलाएं रसोई के डगमगाते बजट को संभालने की कोशिश कर रही हैं।

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  करीब एक सप्ताह में दलहन की कीमतों में लगभग पांच सौ से लेकर आठ से नौ सौ रुपये प्रति कुंतल तक की वृद्धि हुई है। अरहर की दाल में प्रति कुंतल करीब पांच सौ, चने की दाल में करीब सात सौ, मटर की दाल में करीब चार सौ और उड़द की दाल में लगभग आठ-नौ सौ रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं, गेहूं की बनी सामग्रियों आटा, सूजी और मैदा की कीमतों में करीब 50 से 150 रुपये की वृद्धि हुई है। कीमतों में जल्द कमी होने के आसार भी नहीं हैं। कीमतें बढऩे की वजह आवक कम और माल भाड़े में वृद्धि होना है। फुटकर में यही सामग्रियां और ज्यादा रेट पर बिक रही हैं।

हरी सब्जियों की कीमतों से राहत :

ठंड के दस्तक देने से हरी सब्जियों के दाम नियंत्रण में है। इससे लोगों को काफी राहत है। फुटकर में पालक 20, भिंडी 25-30, टमाटर 20-25, करैला 25-30, शिमला मिर्च 40 रुपये प्रति किग्रा. के भाव से बिक रही है। फूलगोभी, पत्तागोभी और लौकी 10 से 15 रुपये प्रति पीस बिक रही है। 

गेहूं से बनी सामग्रियों और दाल की कीमतें (थोक में) :

                पहले   - अब    

चना की दाल-4800- 5500

मटर की दाल-4500-4600-4800-5000

उड़द की दाल-6000-6500-7000-7100

अरहर की दाल-5700-5800-6200-6300

आटा-2250-2300-2350-2400

मैदा-2500-2550-2600

सूजी- 2450-2500- 2650

फुटकर भाव

अरहर की दाल-70-75

चने और मटर की दाल-70

उड़द की दाल-72-75

आटा-24-25

सूजी-30

मैदा-26-27

नोट: थोक रेट रुपये प्रति कुंतल और फुटकर रुपये प्रति किग्रा. में है।

सभी प्रकार की दाल मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से आती है। आटा, सूची, मैदा फतेहपुर के अलावा नैनी और सोरांव से आता है। आवक कम होने और माल भाड़ा में वृद्धि से इन सामग्रियों के दाम बढ़े हैं।

-सतीश केसरवानी, अध्यक्ष गल्ला तिलहन व्यापार मंडल।


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