प्रयागराज में मार्च से जलापूर्ति व्यवस्था की आनलाइन निगरानी से फौरन पता चलेगी खऱाबी
इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइट्रिपलसी) से जलापूर्ति व्यवस्था की आनलाइन निगरानी होने से नलकूपों बूस्टिंग स्टेशनों में खराबी होने पर तत्काल पता लगेगा। इससे गड़बड़ी को जल्द ठीक करने में विभागीय स्टाफ को मदद मिलेगी और लोगों को समस्या नहीं होगी
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इस साल गर्मी शुरू होने से पहले शहर की जलापूर्ति व्यवस्था ‘स्मार्ट’ हो जाएगी। नलकूपों, ओवर हेड टैंकों (ओएचटी), बूस्टिंग स्टेशनों और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के आटोमेशन से निर्धारित समय पर घरों में जलापूर्ति होगी। तय समय पर जलापूर्ति बंद भी हो जाएगी। इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइट्रिपलसी) से जलापूर्ति व्यवस्था की आनलाइन निगरानी होने से नलकूपों, बूस्टिंग स्टेशनों में खराबी होने पर तत्काल पता लगेगा। इससे गड़बड़ी को जल्द ठीक करने में विभागीय स्टाफ को मदद मिलेगी।
जापान की कंपनी करेगी यह काम पूरा
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जलापूर्ति व्यवस्था के आटोमेशन के लिए जापान की कंपनी यूकोगावा का चयन हुआ है। कंपनी द्वारा शहरी क्षेत्र के 92 बड़े नलकूपों, 47 ओएचटी, 10 बूस्टिंग स्टेशनों और खुसरोबाग स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन सिस्टम (स्काडा) लगाने का काम किया जा रहा है। 185 बड़े नलकूपों में स्काडा पहले से लगा है। इन सबमें भी स्काडा लगने का काम पूरा होने पर सभी की कनेक्टिविटी आइट्रिपलसी से की जाएगी।
जानिए क्या होगा इसका फायदा
यह काम मार्च तक पूरा हो जाएगा। इससे पाइप लाइन को छोड़कर बाकी जलापूर्ति व्यवस्था की निगरानी आनलाइन हो सकेगी। जलापूर्ति व्यवस्था में व्यवधान होने पर जलकल विभाग के अधिकारियों को तत्काल पता भी चल जाया करेगा। जल्द गड़बड़ी दूर होने पर लोगों को पेयजल संकट से निजात भी फौरन मिल जाया करेगी। पानी की बर्बादी भी कम होगी। चालकों की नहीं पड़ेगी जरूरत अधिशासी अभियंता (मुख्यालय) सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि आटोमेशन से नलकूप चालकों की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं, जलापूर्ति व्यवस्था भी बहुत बेहतर हो जाएगी। ऐसे में कह सकते हैं कि यह व्यवस्था जल आपूर्ति को बेहतर करेगी।