Water Conservation: शहर के 71 कुएं किए जाएंगे पुनर्जीवित, कुएं में सबमर्सिबल लगाकर होगी पानी की सप्लाई
Water Conservation मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डाक्टर हेमंत कुमार पांडेय का कहना है कि विभाग का यह प्रयास अच्छा है लेकिन कुएं में रिचार्ज वेल बनवाए जाएं अथवा एयरवेंट्स लगवाए जाएं। इसका बहुत फायदा होगा।
प्रयागराज, [राजकुमार श्रीवास्तव]। देर से ही सही जलकल विभाग ने शहर के 71 बचे कुएं को पुनर्जीवित करने की पहल की है। विभाग इन कुएं की सफाई कराएगा और फिर उसमें मशीनें (सबमर्सिबल) लगवाकर मोहल्लों को जलापूर्ति करेगा। कुएं पुनर्जीवित होने से भूजल स्तर में वृद्धि होने के साथ विभागीय खर्च भी कम होने के आसार हैं।
कुछ दशक पहले तक शहरी सीमा क्षेत्र में कुल 184 कुएं थे। यह लोगों की प्यास बुझाते थे और मांगलिक कार्यों के समय यहां पूजा भी होती थी। आबादी बढऩे और पानी के अन्य साधन होने के कारण आधा से ज्यादा कुएं पहले लोगों की उपेक्षा के शिकार हुए। जब यह कुएं सूख गए तो वह उनकी महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गए। कुएं को पाटकर मकान बना लिए गए। लिहाजा, 113 कुएं का नामोनिशान मिट चुका है। बचे 71 कुएं को पुनजीॢवत करने का फैसला जलकल विभाग ने किया है। इन कुएं की सफाई के लिए बजट में 30 लाख रुपये का प्रविधान किया गया है। जल्द की कुएं की सफाई का काम मजदूरों को लगाकर शुरू कराया जाएगा।
ठाकुरदीन का हाता, मम्फोर्डगंज, नैनी समेत कई क्षेत्रों में बचे हैं कुएं
बहादुरगंज क्षेत्र में ठाकुरदीन का हाता, मम्फोर्डगंज में मलिन बस्ती (स्लम एरिया), सरस्वती शिशु मंदिर के समीप, नैनी क्षेत्र के प्रयागपुरम समेत कई इलाकों में कुएं अभी भी बचे हैं। ठाकुरदीन का हाता में कुएं में मशीन लगाकर घरों में पानी की भी आपूॢत होती है। मम्फोर्डगंज निवासी रविशंकर द्विवेदी का कहना है कि कुएं के पुनजीॢवत होने से जलस्रोत बढ़ेगा। बिजली कट जाने पर लोगों को पानी की दिक्कत नहीं होगी।
रिचार्ज वेल बनाने से बहुत फायदा
मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डाक्टर हेमंत कुमार पांडेय का कहना है कि विभाग का यह प्रयास अच्छा है लेकिन, कुएं में रिचार्ज वेल बनवाए जाएं अथवा एयरवेंट्स लगवाए जाएं। इसका बहुत फायदा होगा। विभाग उससे पानी भी लेता रहे और लोगों को अच्छी गुणवत्ता का पानी भी मिलेगा। यही नहीं पानी रिचार्ज भी होता रहेगा।
पानी की समस्या भी दूर होगी और जलस्तर भी बढ़ेगा
महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने बताया कि नलकूपों को लगवाने में लाखों रुपये खर्च होते हैं। बड़े नलकूप पर करीब 50-52 लाख रुपये का खर्च आता है। जगह-जगह लगने से पानी का लेवल भी घट रहा है। इसीलिए कुएं को पुनजीॢवत करने के बाद उसमें मशीनें लगवाकर पानी की आपूॢत का फैसला हुआ है। इससे पानी की समस्या दूर होगी और भूजल स्तर भी बढ़ेगा।