Coronavirus effect : गर्मी के कपड़ों से गोदाम फुल, सर्दी का स्टाक कहां से लाएं
अप्रैल से जुलाई तक कपड़ों का कारोबार 30 से 35 फीसद रहा। इसी सीजन में शादियां होती है लेकिन इस बार बहुत कम हुई इसलिए बिक्री पर भारी असर पड़ा।
प्रयागराज,जेएनएन। इस बार गर्मी का पूरा सीजन कोरोना संकट में निकल गया। बाजारें बंद रहने से गर्मी के कपड़ों की बिक्री नहीं हुई। इसके चलते गोदामों में कपड़े अभी भी भरे हुए हैं। ऐसे में कारोबारियों को जाड़े के दिनों में होने वाले व्यापार की चिंता सताने लगी है। समस्या यह है कि माल मंगवाएं तो रखे कहां ? अप्रैल से जुलाई तक कपड़ों का कारोबार 30 से 35 फीसद रहा। इसी सीजन में शादियां होती है लेकिन इस बार बहुत कम हुई, इसलिए बिक्री पर भारी असर पड़ा।
ग्राहकों को कम मिलेगी वैरायटी
सिटी स्टाइल के प्रोपराइटर सुमित सिंह का कहना है कि पहले 45 से 90 फीसद माल क्रेडिट पर कंपनियों से मिल जाता था। अब एडवांस कैश पर माल मिल रहा है। शहर में साल भर में करीब दो सौ करोड़ रुपये के कपड़े का कारोबार होने का अनुमान है। इस बार व्यापार घटकर 70-75 करोड़ रुपये ही रह जाने की उम्मीद है।
बोले कारोबारी
स्वेटर घर के प्रोपराइटर विनीत कपूर ने बताया कि व्यापारियों की गुडविल बनी रहे, यही बड़ी बात है। जहां से माल ले रहे हैं, उसका भुगतान हो जाए। यह बड़ी चुनौती है। एजेंटों को फोन करके काम करने के तरीके की जानकारी ले रहे हैं। लेकिन, हर जगह यही स्थिति है। लुधियाना में फैक्ट्रियों में जाड़े का माल बहुत कम बन रहा है। ऐसे में इस बार जाड़े में लोगों को माल भी कम मिलेगा। मदन कलेक्शन के पार्टनर अनिल चावला ने बताया किछह महीने से लोगों की खरीदारी की क्षमता करीब 50 फीसद कम हो गई है। इससे माल बिक नहीं रहा है। व्यापार करने के लिए जाड़े का माल भी मंगाना जरूरी है। रिस्क पर ही माल उठाना पड़ेगा। 40 से 50 फीसद ही माल मंगाया जाएगा।
केस एक
सिविल लाइंस स्थित सिटी स्टाइल शोरूम में पूरे साल में 13 से 14 करोड़ रुपये का कारोबार होता था। इस बार पांच करोड़ रुपये का व्यापार हो सका है।
केस दो
सिविल लाइंस स्थित मदन कनेक्शन का कारोबार पिछले सालों की तुलना में इस वर्ष मार्च से जुलाई तक 30 से 35 फीसद हुआ है। 65 से 70 फीसद तक व्यवसाय को झटका लगा है।