Move to Jagran APP

Special on birthday : बोफोर्स दलाली से वीपी सिंह का कांग्रेस से हो गया था मोहभंग Prayagraj News

भाई की शंकरगढ़ के आगे चित्रकूट के जंगल में हत्या होने के बाद वीपी ने इस्तीफा दे दिया था। 1988 में वीपी ने बोफोर्स दलाली को लेकर कांग्रेस का दामन छोड़ दिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 01:44 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 04:56 PM (IST)
Special on birthday : बोफोर्स दलाली से वीपी सिंह का कांग्रेस से हो गया था मोहभंग Prayagraj News
Special on birthday : बोफोर्स दलाली से वीपी सिंह का कांग्रेस से हो गया था मोहभंग Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन।  मांडा के राजा रहे विश्वनाथ प्रताप सिंह बोफोर्स दलाली का मामला सामने आने पर ही कांग्रेस छोड़ दिए थे। इसके बाद उन्होंने देश भर में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला और विपक्षी पाॢटयों को एकजुट किया। उसी दौरान कांग्रेस के खिलाफ प्रयागराज में सबसे बड़ी रैली हुई थी, जिसमें एनटी रामाराव, देवीलाल जैसे दिग्गज भी शामिल हुए थे।

loksabha election banner

पिता के नाम पर खुले स्‍कूल में बने थे शिक्षक

पूर्व प्रधानमंत्री स्व.वीपी सिंह के करीबी संस्मरण बताने से नहीं थकते। श्रमिक नेता भोलानाथ तिवारी ने बताया कि विनोवा भावे के आह्वान पर विश्वनाथ प्रताप सिंह ने अपनी पूरी रियासत दान कर दी थी। इसके बाद उन्होंने लोगों के सहयोग से कोरांव में अपने पिता महाराजा गोपाल सिंह के नाम पर वर्ष 1965 में इंटर कालेज का निर्माण कराया। उसमें वह प्रबंधक और प्रधानाचार्य नहीं बने, बल्कि शिक्षक बने। इसका बीबीसी लंदन ने समाचार चलाया था। उसके बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संदेश भेजा।

जब कोरांव में बनी थी हवाई पट़टी

वीपी ने अनसुना किया तो इंदिरा ने लाल बहादुर शास्त्री को हवाई जहाज से भेजा। तब हवाई जहाज उतरने के लिए कोरांव में हवाई पट्टी बनाई गई थी। उसी हवाई जहाज से वीपी सिंह को शास्त्री जी दिल्ली ले गए। दिल्ली में वीपी को इंदिरा ने कांग्रेस में शामिल किया। कांग्रेस सरकार में उन्हेंं पहले केंद्रीय वाणिज्य उपमंत्री बनाया गया। फिर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। उनके साथ प्रयागराज के श्यामसूरत उपाध्याय गृहमंत्री बने थे। भाई की शंकरगढ़ के आगे चित्रकूट के जंगल में हत्या होने के बाद वीपी ने इस्तीफा दे दिया था। 1988 में वीपी ने बोफोर्स दलाली को लेकर कांग्रेस का दामन छोड़ दिया।

पीएम बनने पर प्रयागराज एक्‍सप्रेस का फतेहपुर में हुआ स्‍टापेज

आरक्षण समेत कई फैसले से वह चर्चित हुए। मधवापुर के पूर्व पार्षद दिनेश गुप्ता उर्फ छेदी ने बताया कि वह सबसे मिलते थे। राघवेंद्र सिंह राजू ने बताया कि वीपी सिंह ने उनके साथ न्याय किया जो समाज में अंतिम पंक्ति में थे। फतेहपुर के खागा से विधायक आनंद स्वरूप सिंह के बेटे ब्रजेंद्र सिंह ने बताया कि वीपी के सांसद और पीएम बनने पर प्रयागराज एक्सप्रेस का फतेहपुर में स्टापेज हुआ। कौशांबी के चायल विधायक कन्हैयालाल सोनकर के निधन पर प्रयागराज आए थे, जिसके एक माह बाद वीपी सिंह का निधन हो गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.