कुंभ स्पेशल टिकट से श्रद्धालु देख सकेंगे संग्रहालय, संजो सकेंगे ऐतिहासिक यादें
कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालु कुंभ स्पेशल टिकट से संग्रहालय देख सकेंगे। भारतीय पर्यटकों को 50 व विदेशी सैलानियों को 500 रुपये का टिकट होगा।
प्रयागराज : दिव्य और भव्य कुंभ का हिस्सा बनने देश और दुनियाभर से आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इलाहाबाद संग्रहालय ने विशेष तैयारी की है। इस बार कुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुंभ विशेष टिकट जारी किया जाएगा। इस टिकट की तीन दिन तक वैधता रहेगी। 10 जनवरी को राज्यपाल रामनाईक इसका उद्घाटन करेंगे। कुंभ के दौरान यह टिकट संग्रहालय के रेगुलर काउंटर से तो खरीदा ही जा सकेगा साथ ही कुंभ मेले में संग्रहालय के शिविर से भी श्रद्धालु एडवांस में टिकट खरीद सकेंगे।
संग्रहालय ने की है खास तैयारी
इस बार कुंभ की विशेष ब्रांडिंग हुई है। इसको देखते हुए दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु कुंभ की दिव्यता-भव्यता का हिस्सा बनेंगे। श्रद्धालु शहर के अन्य पर्यटन स्थलों को भी देखना पसंद करेंगे। इनमें पंडित नेहरू का पुश्तैनी घर आनंद भवन, इलाहाबाद संग्रहालय प्रमुख हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए इलाहाबाद संग्रहालय ने खास तैयारी की है। मॉडर्न पेंटिंग गैलरी, स्वतंत्रता संग्राम गैलरी को नया लुक दिया गया है। उसे विदेशी संग्रहालयों की तर्ज पर नए तरीके से लाइट से सजाया गया है।
क्या कहते हैं संग्रहालय के निदेशक
संग्रहालय के निदेशक सुनील गुप्ता कहते हैं कि इस बार हम कुंभ मेला क्षेत्र में अपने शिविर में टिकट काउंटर खोलेंगे और तीन दिनों की वैधता वाले टिकट वितरित करेंगे। इससे श्रद्धालु तीन दिन में कभी भी संग्रहालय देख सकेंगे। यह सुविधा 10 जनवरी से सात मार्च तक रहेगी। संग्रहालय का समय सुबह सवा दस बजे से सायं सवा पांच बजे तक का है।
दर्शकों को आकर्षित करेगा बापू स्मृति वाहन
संग्रहालय के निदेशक डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि प्रमुख स्नान की तिथियों पर गांधी स्मृति वाहन को संग्रहालय के गेट पर खड़ा किया जाएगा। 12 फरवरी 1948 को गांधी जी की अस्थियों को संगम में विसर्जित करने के लिए इसी वाहन का उपयोग किया गया था।
क्या है संग्रहालय में खास
इलाहाबाद संग्रहालय दूसरी शताब्दी से लेकर बाद के काल की आधुनिक युग की सुंदर मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। चन्द्रशेखर आजाद की माउजर पिस्टल, महात्मा गांधी के अस्थि विसर्जन में प्रयोग किया गया वाहन, उनकी घड़ी, प्राचीन अस्त्र-शस्त्र, ऐतिहासिक कलाकृतियां, चित्रों, मूर्तियों और तस्वीरों को अच्छी तरह से संजोया गया है। स्वतंत्रता सेनानी चन्द्रशेखर आजाद की एक अनोखी मूर्ति लाल ईंट वाले भवन के बाहर है, जिसमें वे अपनी मूछों को ताव देते हुए दिखते हैं। यह संग्रहालय मूल रूप से 1931 में इलाहाबाद नगर पालिका के तत्वावधान में स्थापित किया गया था।