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विश्व हिंदू परिषद महिलाओं को बना रहा सशक्त, राइफल से फायरिंग और लाठी भांजने की ट्रेनिंग

दुर्गा वाहिनी की 80 सदस्याें के दिन की शुरुआत प्रात पांच बजे प्रार्थना सभा से हो रही है। उसके बाद सूर्य नमस्कार जूडो कराटे राइफल चलाने निशानेबाजी दंड चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए अलग अलग व्यायाम भी कराए जा रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 08:00 AM (IST)
विश्व हिंदू परिषद महिलाओं को बना रहा सशक्त, राइफल से फायरिंग और लाठी भांजने की ट्रेनिंग
आत्मरक्षा की क्षमता विकसित करने के लिए जूडो, ताइक्वांडो, राइफल से फायरिंग के साथ योग का भी प्रशिक्षण

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। विश्व हिंदू परिषद मातृ शक्तियों यानी महिलाओं को सशक्त बनाने में जुटा है। उन्हें बौद्धिकता, तार्किकता के साथ राइफल से फायरिंग और लाठी भांजने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मातृशक्तियों में आत्मरक्षा की क्षमता विकसित करने के लिए जूडो, ताइक्वांडो, राइफल से फायरिंग के साथ योग का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए स्वमी चिन्मयानंद विद्यालय में 15 दिवसीय शिविर लगाया गया है।

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भोर में पांच बजे से दी जा रही है आत्मरक्षा की ट्रेनिंग

काशी प्रांत के 19 जिलों से आई दुर्गा वाहिनी की 80 सदस्याें के दिन की शुरुआत प्रात: पांच बजे प्रार्थना सभा से हो रही है। उसके बाद सूर्यनमस्कार, जूडो कराटे, राइफल चलाने, निशानेबाजी, दंड चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए अलग अलग व्यायाम भी कराए जा रहे हैं। चपलता और त्वरितपन्न बुद्धि बढ़ाने के लिए देसज खेल भी खिलाए जा रहे हैं। इनमें सामूहिकता का भाव भी जगाने की कोशिश हो रही है। शिविर में प्रशिक्षक की भूमिका में शामिल प्रांत सह संयोजिका दिव्या ने बताया कि प्रत्येक कार्यकर्ता में विपरीत परिस्थितियों से निपटने की क्षमता विकसित करने का प्रयास है।

बौद्धिक सत्र में राष्ट्र, धर्म के प्रति सम्मान का भाव बढ़ाने के लिए प्रेरणा

प्रात:कालीन सत्र के बाद अलग अलग बौद्धिक सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें राष्ट्र, धर्म, संस्कृति के प्रति सम्मान का भाव बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इन सब के लिए जरूरी है कि परिवार प्रबोधन हो, अर्थात टूटते परिवारों को कैसे जोड़ा जाए इसके लिए मातृ शक्तियों को प्रयास करना होगा। यह तभी संभव है जब परिवार के लोगों में संवाद बढ़े। शिविर में आए सदस्यों को समझाया जा रहा है कि प्रगति के लिए समन्वय चाहिए, संघर्ष नहीं। परिवार रूपी इकाई को संपूर्ण समाज का हिस्सा बनना होगा। कोई भी घर भोजन और निद्रा का केंद्र नहीं होता बल्कि उसे संस्कार का केंद्र बनाया जाना चाहिए। इन सभी चीजों को समेटकर मतांतरण, लव जिहाद जैसी समस्याओं से निपटा जा सकता है।

परिवार को मजबूत बनाकर लड़ सकते हैं चुनौतियों से

शिविर में केंद्रीय सह मंत्री अंबरीश ने कहा, देश के गौरवशाली इतिहास को आने वाली पीढ़ियों को बताना होगा। संस्कारों की ओर बढ़ना होगा। इसकी शुरुआत परिवार से करनी होगी। परिवार रूपी इकाई मजबूत होगी तभी हम तमाम चुनौतियों का सामना कर सकेंगे। शिविर में प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार, मातृशक्ति प्रमुख कमला मिश्रा, रीता सिंह, साक्षी मिश्रा, गौरी, तनु, राकेश द्विवेदी, निर्मल पांडेय आदि मौजूद रहे।


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