Vishwa Hindu Parishad की मातृशक्तियों को जोड़कर समाज में पैठ बढ़ाने की कोशिश, क्या है तैयारी
विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री मुकेश ने बताया कि कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य समाज को यह बताना है कि नारी अबला नहीं सबला है। सनातन संस्कृति और धर्म की रक्षा में वह अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं। लव जिहाद और मतांतरण जैसी घटनाओं को पूरी तरह रोका जा सकेगा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। विश्व हिंदू परिषद ने संगठन में मातृशक्तियों की भूमिका बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्हें सक्रिय कार्यकर्ता के साथ पदाधिकारी के रूप में भी संगठन में स्थान मिलेगा। आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वह समाज में जाकर गतिविधियों का संचालन कर सकें। राष्ट्रीय, प्रादेशिक, क्षेत्रीय, जिले व प्रखंड स्तर पर बनने वाली टोली में भी इनकी बड़ी भागीदारी रहेगी। इस निर्णय की झलक नवरात्र से शुरू होने वाले आयोजनों में देखने को मिलने लगेगी।
क्या कहते हैं विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री : विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री मुकेश ने बताया कि शारदीय नवरात्र में काशी प्रांत के प्रत्येक प्रखंड, मोहल्लों में दुर्गाष्टमी के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ये सभी आयोजन महिलाओं द्वारा होंगे। इनमें अतिथि, वक्ता, व्यवस्थापक सहित सभी प्रमुख जिम्मेदारी मातृशक्तियों की होगी। इनमें विभिन्न विषयों को लेकर संगोष्ठी, सत्संग किए जाएंगे। इसका उद्देश्य समाज को यह बताना है कि नारी अबला नहीं सबला है। सनातन संस्कृति और धर्म की रक्षा में वह अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं। ऐसा होने पर लव जिहाद और मतांतरण जैसी घटनाओं को पूरी तरह रोका जा सके।
विहिप प्रवक्ता ने दी जानकारी : विहिप प्रवक्ता अश्वनी मिश्र ने बताया कि संगठन ने महिलाओं, बच्चों के लिए सेवा बस्तियों में सिलाई, कढ़ाई केंद्र और संस्कारशाला की शुरुआत की है। अब तक दो दर्जन से अधिक केंद्र शुरू हो चुके हैं। इनकी संख्या बढ़ाने का लक्ष्य है। यहां महिलाओं और छात्राओं को क्राफ्ट, कम्प्यूटर आदि का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्हें अपना रोजगार शुरू करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। आवश्यकता के अनुसार सक्षम व्यक्तियों से आर्थिक मदद दिलाई जाती है।