अब डी 43 नाम से जाना जाएगा विकास मिश्रा गैंग Prayagraj News
तफ्तीश में पता चला कि विकास अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण हत्या करने व रंगदारी मांगने जैसा अपराध करता है। इस पर सभी की जानकारी जुटाकर गैंग को रजिस्टर्ड कर डी-43 का नाम दिया।
प्रयागराज,जेएनएन : डी-43 मतलब विकास मिश्रा गैंग। जिले में अपहरण, हत्या, रंगदारी मांगने जैसी वारदात को अंजाम देने वाले शातिर अपराधी विकास मिश्रा और उसके साथियों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। अभी गैंग लीडर विकास व अतुल निषाद नैनी जेल में हैं, जबकि झब्बू, फैजान और गोकुल पाठक फरार हैं। दारागंज पुलिस ने अतुल को छोड़कर सभी की हिस्ट्रीशीट भी खोल दी है।
पुलिस फरार बदमाशों पर जल्द ही इनाम भी घोषित करेगी। कुछ दिन पहले दारागंज में दिनदहाड़े एक व्यक्ति पर हमला हुआ था। इसमें विकास मिश्रा का नाम सामने आया था। पुलिस को तफ्तीश में पता चला कि विकास अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण, हत्या करने व रंगदारी मांगने जैसा अपराध करता है। इस पर सभी की जानकारी जुटाकर गैंग को रजिस्टर्ड कर डी-43 का नाम दिया गया है। सभी अभियुक्त दारागंज थाना क्षेत्र के बक्शी खुर्द व बक्शी कला मुहल्ले के रहने वाले हैं।पुलिस अब गिरोह की निगरानी की जा रही है।गिरोह के जो भी बदमाश फरार है। पुलिस की तलाश में तेजी लाएगी। गिरोह की हर गतिविधि पर पुलिस की नजर रहेगी।
गिरोह पर कार्रवाई करने और निगरानी रखने के लिए सीओ दारागंज को नोडल अधिकारी बनाया गया है। थानाध्यक्ष दारागंज आशुतोष तिवारी के मुताबिक विकास मिश्रा के खिलाफ 14, झब्बू व फैजान पर आठ-आठ, गोकुल के विरुद्ध 12 और अतुल के खिलाफ दो आपराधिक मुकदमा दर्ज है।