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...तो इसलिए विद्या भारती अपने पब्लिकेशन की किताबें बच्चों को पढ़ाएगा Prayagraj News

विद्या भारती अगले शैक्षिक सत्र से अपने पब्लिकेशन की किताबें कक्षा एक से आठ तक के बच्‍चों को पढ़ाएगा। बाजार में सरकारी पुस्तकों की कमी के कारण ऐसा निर्णय लिया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 12:33 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 12:33 PM (IST)
...तो इसलिए विद्या भारती अपने पब्लिकेशन की किताबें बच्चों को पढ़ाएगा Prayagraj News
...तो इसलिए विद्या भारती अपने पब्लिकेशन की किताबें बच्चों को पढ़ाएगा Prayagraj News

प्रयागराज, [राजकुमार श्रीवास्तव]। बाजार में सरकारी पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता न होने से विद्या भारती की ओर से अपने स्कूलों में अपने प्रकाशन की भी किताबें पढ़ाने का अहम निर्णय लिया गया है। अगले शैक्षिक सत्र से कक्षा एक से आठ तक में यह किताबें पढ़ाई जाएंगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।

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बाजार में सरकारी दर की सभी पुस्तकें नहीं मिल रही हैं

परिषदीय स्कूलों के अलावा सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा आठ तक की पुस्तकें सरकार मुफ्त मुहैया कराती है। इसके अलावा वित्तविहीन विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए सरकारी दर पर किताबें बाजार में उपलब्ध कराई जाती हैं। इधर, पिछले कुछ समय से बाजार में सरकारी दर की सभी पुस्तकें नहीं मिल रही हैं। इससे विद्यार्थियों के पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है। लिहाजा, विद्या भारती ने निर्णय लिया है कि अब वह सरकारी किताबों के ही भरोसे नहीं रहेगा। अगले शैक्षिक सत्र से पांचवीं तक की सभी पुस्तकें और कक्षा छह से आठ तक की महत्वपूर्ण विषयों की पुस्तकें अपने पब्लिकेशन की भी पढ़ाएगा।

इस सत्र में तीन विषयों पर विशेष फोकस

विद्या भारती काशी प्रांत के प्रदेश निरीक्षक रामजी सिंह बताते हैं कि इस सत्र में तीन विषयों पर विशेष फोकस है। गुरु नानक देव के जन्म के 550 वर्ष, जलियावाला बाग हत्याकांड के 100 वर्ष और नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा आजाद ङ्क्षहद फौज को लेकर देश को गुलामी से मुक्त कराने के चलाए गए अभियान के 75 वर्ष इसी वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसलिए तीन पुस्तकें 'नानक नाम जहाज है चढ़ै सो उतरे पारÓ, 'कथा जलियावाला बाग कीÓ और 'आजाद ङ्क्षहद सरकार गठन की हीरक जयंतीÓ कक्षाओं में पढ़ाई जा रही हैं। इसका मकसद महापुरुषों, स्वतंत्रता आंदोलन के वीरों और महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी देना है। नए सत्र की बारे में बताया कि लखनऊ स्थित विद्या भारती की शारदा और सरस्वती प्रकाशन में पुस्तकें प्रकाशित होंगी।

बोले जिला विद्यालय निरीक्षक

जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा कहते हैं कि सरकारी किताबें चलाना अनिवार्य है। वहीं बाजार में किताबें न मिलने की दशा में विकल्प के रूप में अपने पब्लिकेशन की किताबें चलाई जा सकती हैं।


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