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केंद्र के के पास सस्ते इलाज की नीति नहीं : तोगडिय़ा

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा ने डॉक्टरों को गरीबों का इलाज बिना मोटी फीस लिए करने की अपील की। साथ ही चिकित्सकीय प्रणाली की सर्व सुलभता पर भी मंथन किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 14 May 2017 04:34 PM (IST)Updated: Mon, 15 May 2017 09:48 AM (IST)
केंद्र के के पास सस्ते इलाज की नीति नहीं : तोगडिय़ा
केंद्र के के पास सस्ते इलाज की नीति नहीं : तोगडिय़ा

इलाहाबाद (जेएनएन)। संगमनगरी इलाहाबाद में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष चिकित्सक की भूमिका में थे। हंडिया में उन्होंने इंडिया हेल्थ लाइन के एंबेसडर प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया। विश्व हिंदू 

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परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों को अच्छी चिकित्सा देने का दावा करती है, परंतु उसके अनुरूप नीतियों का अभाव है। वह यूरोप व अमेरिका की नीति भारत में लागू करा रही है, इससे इलाज महंगा होगा।

हंडिया में इंडिया हेल्थ लाइन के एंबेसडर प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहुंचे विहिप नेता ने कहा कि पहले की यूपीए सरकार नर्सिंग होम की गुणवत्ता में सुधार के नाम पर क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की तैयारी में थी, इसे ही वर्तमान केंद्र सरकार आगे बढ़ा रही है। यदि यह एक्ट लागू हुआ तो इलाज महंगा होगा। अभी नर्सिंगहोम में जो ऑपरेशन 10 हजार रुपये में हो जाता है, उसके लिए दो लाख रुपये खर्च करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस एक्ट के जरिए कारपोरेट घरानों के अस्पतालों को लाभ पहुंचाना चाह रही है, इसमें गरीब जनता का नुकसान होगा। उन्होंने सरकार से इस एक्ट को तत्काल खत्म करने की मांग की। जेनरिक दवाओं के अधिक प्रयोग पर जोर दिया। कहा कि सरकार जेनरिक दवाओं का अलग से मेडिकल स्टोर खोलना चाहती है, जो ठीक नहीं है। जेनरिक दवाएं हर मेडिकल स्टोर में मिलें, उसका प्रबंध होना चाहिए। साथ ही उनका दाम भी कम हो, अभी ऐसा नहीं है। भारत में बनने वाली ब्रांडेड दवाओं की गुणवत्ता ठीक करने के लिए भी उन्होंने सरकार से ठोस नीति बनाने की मांग की।

प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करते हुए डॉ. तोगडिय़ा ने मौजूद डॉक्टरों से भी अपील की कि वे गरीबों का इलाज मोटी फीस लिए बिना करें। प्रवीण तोगडिय़ा ने आज डॉक्टरों को गरीबों का इलाज बिना मोटी फीस लिए करने की अपील की। इसके साथ ही चिकित्सकीय प्रणाली की सर्व सुलभता पर भी मंथन किया। उन्होंने इस दौरान वह राजनीति पर तो कुछ नहीं बोला लेकिन क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट और जेनरिक दवाओं के बहाने उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। इस दौरान उन्होने राज्य सरकार की 20 हजार जेनरिक दवाओं के स्टोर खोले जाने को भी बेमानी बताया। डाक्टर प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा यूपीए सरकार के समय लाया गया क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट गरीब मरीज विरोधी है, जिसे इस सरकार में भी खत्म नहीं किया गया है।

जेनरिक दवाओं के स्टोर को खोलने पर उन्होंने कहा कि इससे कुछ नहीं होने वाला है। पहले तो जेनरिक दवाएं सभी स्टोरों पर मिलना शुरू होनी चाहिए। दूसरा ब्रांडेड और जेनरिक के दाम में मामूली अंतर को बढ़ा कर कई गुना किए जाने की जरूरत है। 

उन्होने निरोग भारत का संकल्प दिलाते हुए आम लोगों को हेल्थ एम्बेसडर की ट्रेनिंग दिए जाने का प्राविधान किया था। डाक्टर प्रवीण तोगडिय़ा के निर्देश में चल रहे इण्डिया हेल्थ लाईन के तहत देशभर के लोगों को सस्ती चिकित्सा उपलब्ध कराए जाने के अलावा सेन्ट्रल ब्लड डोनर चेन तैयार करना है। तोगडिय़ा ने कहा कि देश में व्यक्ति का अपेंडिक्स का ऑपरेशन 20 से 25 हजार रुपए में होता है। वह कॉर्पोरेट अस्पताल में जाएगा तो उसी में एक लाख रुपए खर्च होगा। 

क्लीनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट प्राइवेट नर्सिंग होम बंद कर देता है तो सरकार के पास इतने ऑपरेशन करने की व्यवस्था नहीं है। एक्ट डॉक्टरों के विरुद्ध नहीं, देश के मरीजों के विरुद्ध है। मेरी मांग है कि ये एक्ट वापस लिया जाए।


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