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प्रयागराज VHP धर्म संसद : मोहन भागवत ने कहा- हिंदुओं के साथ कपट युद्ध जारी

धर्म संसद में आज शबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर बैन की परंपरा की रक्षा करने पर भी सहमति बनी। इसमें तय किया गया कि सबरीमाला का आंदोलन भी अयोध्या आंदोलन के समकक्ष होगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 02:36 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 04:04 PM (IST)
प्रयागराज VHP धर्म संसद : मोहन भागवत ने कहा- हिंदुओं के साथ कपट युद्ध जारी
प्रयागराज VHP धर्म संसद : मोहन भागवत ने कहा- हिंदुओं के साथ कपट युद्ध जारी

प्रयागराज, जेएनएन। कुंभनगर में विश्व हिंदू परिषद के धर्म संसद में आज बड़े फैसलों पर मुहर लगने की संभावना है। धर्म संसद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के साथ देश के नामचीन संत भी शिरकत कर रहे हैं। प्रयागराज में वीएचपी की दो दिनी धर्मसंसद में देशभर से ढाई हजार साधु संतों शामिल हैं।

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धर्म संसद में मोहन भागवत ने कहा कि सबरी माला सिर्फ मलयालम भाषी के भगवान नहीं हैं। पूरा हिंदू समाज उनके साथ है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं की आस्था का ध्यान नहीं रखा। षड्यंत्र के तहत समाज को बांटा जा रहा है कपट युद्ध लड़ा जा रहा है। वोटो की राजनीति हो रही है, महाराष्ट्र का आंदोलन गवाह है। राजनीति करने वाले समझ लें कि आंबेडकर के अनुयायी हम भी हैं। हिंदुओं को चेतना होगा। धर्म संसद में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी पहुंचे ।

धर्म संसद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश में करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खेला जा रहा है। कुछ राजनैतिक दल वोट की सियासत की वजह से हिंदुओं के साथ कपट युद्ध कर रहे हैं। हमें हिंदुओ को जागरूक करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं की आस्था का ध्यान नहीं रखा। षड्यंत्र के तहत समाज को बांटा जा रहा है कपट युद्ध लड़ा जा रहा है। वोट की खातिर राजनीति हो रही है, महाराष्ट्र का आंदोलन गवाह है। राजनीति करने वाले समझ लें कि आंबेडकर के अनुयायी हम भी हैं। हिंदुओं को चेतना होगा।

विश्व हिंदू परिषद् के धर्म संसद में केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा उठा। संसद में यह प्रस्ताव पास हुआ कि सबरीमाला मुद्दे को अयोध्या आन्दोलन की तरफ उठाया जाएगा। विहिप की धर्म संसद में पहुंचे आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। भागवत ने कहा कि कोर्ट ने कहा महिला अगर प्रवेश चाहती है तो करने देना चाहिए, अगर किसी को रोका जाता है तो उसको सुरक्षा देकर जहां से दर्शन करते हैं वहां ले जाना चाहिए, लेकिन कोई जाना ही नहीं चाह रहा है। इसी कारण श्रीलंका से लाकर लोगों को पीछे के दरवाजे से घुसाया जा रहा है। 

भागवत ने कहा सबरीमाला प्रकरण में कोर्ट के फैसले में हिंदुओ की भावनाओं का सम्मान नहीं किया गया, जिसकी वजह से हिंदू आंदोलित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सबरीमाला के मुद्दे पर फैसला देते हुए कोर्ट ने करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि भगवान अयप्पा के चार मंदिर हैं, सिर्फ एक ही ब्रह्मचर्य रूप में है। महिला का प्रवेश न करना वहां की परंपरा है। मोहन भागवत ने कहा कि सबरीमाला सिर्फ मलयालम भाषी के भगवान नहीं हैं। पूरा हिंदू समाज उनके साथ है। 

धर्म संसद में आज शबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर बैन की परंपरा की रक्षा करने पर भी सहमति बनी। इसमें तय किया गया कि सबरीमाला का आंदोलन भी अयोध्या आंदोलन के समकक्ष होगा। इसके साथ ही साथ आंदोलनकारियों पर केरल सरकार की कार्यवाही की निंदा की गई। धर्म संसद में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ गौ रक्षा, गंगा समेत अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी।

धर्म संसद से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंभ क्षेत्र पहुंचे। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत व स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से साथ ही महंत नृत्य गोपालदास से भी भेंट की। संतों से भेंट करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर रवाना हो गए।

सीएम से मुलाकात के बाद पूरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बताया कि योगी आदित्यनाथ उनके पास राम मंदिर के लिए समर्थन मांगने आए थे। कल शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के 21 फरवरी को शिलान्यास करने की घोषणा के बाद राम मंदिर निर्माण को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है।

प्रयागराज कुंभ में आज से विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में होने वाली धर्म संसद से पहले सियासी गतिविधि तेज हो गई है। आएसएस प्रमुख मोहन भागवत विश्व हिन्दू परिषद की धर्म संसद में पहुंचे हैं। धर्म संसद से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह मोहन भागवत से मिले। विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा में राम मंदिर पर विस्तार से चर्चा होगी। संघ प्रमुख मोहन भागवत धर्मसभा में अपनी राय रखेंगे। इसके अलावा नृत्यगोपाल दास समेत कई अन्य धार्मिक गुरु भी इसमें शामिल है। गोरक्षा और गंगा पर भी मंथन होगा। वीएचपी की धर्मसंसद से पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अध्यक्षता में हुई परम धर्म संसद ने मामले को और तेज कर दिया है। परम धर्मसंसद ने प्रयागराज कुंभ से राम मंदिर बनाने का ऐलान किया और कहा कि 21 फरवरी को साधु संत इसका शिलान्यास करेंगे।

विहिप के सेक्टर-14 स्थित शिविर में धर्म संसद में सबरीमाला मंदिर में यथास्थिति बनाए रखने, सामाजिक समरसता आदि मुद्दे भी रखे जाएंगे। संतों की ओर से भी मुद्दे विचार के लिए रखे जा सकते हैं। धर्म संसद में विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष वीएस कोकजे, कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, केंद्रीय महामंत्री संगठन विनायक राव देशपांडेय, केंद्रीय उपाध्यक्ष चम्प राय, केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांदे, केंद्रीय संत सम्पर्क प्रमुख अशोक तिवारी, केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्रा आदि पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

2013 में मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाने की उठी थी मांग

2013 महाकुंभ के दौरान विहिप की अगुवाई में आयोजित धर्मसंसद में साधु-संतों ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाने की मांग उठाई थी। फरवरी 2013 के पहले सप्ताह में आयोजित धर्म संसद में साधु-संतों ने राम मंदिर निर्माण के लिए देश भर में माहौल बनाने की बात कही थी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री पद के लिए भले ही खुलकर मोदी का नाम नहीं लिया था, मगर उन्होंने यह जरूर कहा था कि अब दिल्ली में वही बैठेंगे जो अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे। 

माघ मेले की धर्म संसद में आए थे योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार से शुरू हो रही विहिप धर्म संसद में भले ही नहीं जा रहे हों लेकिन पिछले साल माघ मेले के दौरान परेड मैदान में आयोजित इसी धर्म संसद में मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने संतों के सामने दबी जुबान में राम मंदिर निर्माण करने की प्रतिबद्धता भी जाहिर की थी। योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद 2013 के महाकुम्भ में आयोजित विहिप की धर्म संसद में भी शामिल हुए थे।


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